उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: धान बिक्री हेतु अब तक 12.75 लाख किसानों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया

0

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,93,896 सैम्पल की जांच की गयी, जिसमें कोरोना संक्रमण के 80 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 9,23,44,421 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 11 तथा अब तक कुल 16,87,742 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 392 एक्टिव मामले हैं। प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 14,25,758 डोज दी गयी। प्रदेश में कल तक पहली डोज 12,59,40,431 तथा दूसरी डोज 7,01,18,472 लगायी गयी हैं तथा अब तक कुल 19,60,58,903 डोज दी जा चुकी है। प्रसाद ने बताया कि कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नही हुआ है। इसलिए सभी लोग कोविड अनुरूप आचरण करे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन 18001805145 पर सम्पर्क करे। 

इसे भी पढ़ें: बीजेपी और अपना दल के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मनमुटाव 

आलू उत्पादकों को पिछेता झुलसा रोग से बचाव हेतु सलाह

उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डा0 आर0के0 तोमर ने कहा कि मौजूदा समय में मौसम में लगातार आद्रता बनी रहने के कारण आलू में पिछेता झुलसा रोग का प्रकोप होने की संभावना बनी हुयी है। इसकों दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के मध्य क्षेत्र के आलू किसानों को सलाह दी जाती है कि जिन किसान भाइयों को आलू की फसल में अभी पिछेता झुलसा बीमारी प्रकट नहीं हुयी है, वे मेन्कोजेब या प्रोपीनेब या क्लोरोथेलोनील युक्त फंफूदनाशक दवा का 2.0-2.5 किग्रा0 दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिडकाव तुरन्त करे। डा0 तोमर ने बताया कि जिन खेतों में बीमारी आ चुकी है। डा0 तोमर ने बताया कि यदि बारिश की सम्भावना बनी हुई है और पत्ती गली है तो फंफूदनाशक के साथ 0.1 प्रतिशत स्टीकर का भी प्रयोग करे। फंफूदनाशक को दस दिन के अन्तराल पर पुनः छिडकाव किया जा सकता है। बीमारी की तीव्रता के आधार पर इस अन्तराल को घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।

अब तक 12.75 लाख किसानों द्वारा ऑनलाईन पंजीकरण कराया गया

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए अब तक कुल 5.68 लाख किसानों से 39.20 लाख मी0टन धान क्रय किया गया है। धान बिक्री हेतु इस वर्ष अब तक 12.75 लाख किसानों द्वारा ऑनलाईन पंजीकरण कराया गया है। गतवर्ष धान क्रय हेतु 4453 क्रय केन्द्र संचालित थे, इस वर्ष गतवर्ष से भी अधिक 4596 क्रय केन्द्र संचालित कर किसानों से खरीद की जा रही है। यह जानकारी प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने देते हुए बताया कि तकनीकी कारणों से पूर्व में ऑनलाईन टोकन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिये गयें हैं तथा 30 दिसम्बर, 2021 से कृषकों को ऑनलाईन टोकन प्राप्त करने का विकल्प खाद्य तथा रसद विभाग के पोर्टल बिेण्नचण्हवअण्पद पर उपलब्ध होगा। खाद्य आयुक्त ने बताया कि मौसम खराब होने की संभावना के दृष्टिगत धान क्रय केन्द्रों पर धान सहित उपस्थित कृषकों का धान प्राथमिकता पर बिना ऑनलाईन टोकन के दो दिन के अन्दर खरीदा जायेगा। किसान स्वयं यू0पी0 किसान मित्र एप, जनसुविधा केन्द्र अथवा किसी भी कम्प्यूटर/टैबलेट/मोबाईल के माध्यम से टोकन बना सकते हैं। ऑनलाईन टोकन व्यवस्था के अन्तर्गत किसान अपने नजदीकी क्रय केन्द्र हेतु टोकन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक टोकन जारी किये जा सकेंगे। खाद्य आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि टोकन की निर्धारित तिथि पर धान के साथ केन्द्र अवश्य पहुँचें और अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज करा दें। किसान आगामी दो दिन के टोकन ऑनलाईन प्राप्त कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 20 करोड़ 04 लाख से अधिक की धनराशि मंजूर

उत्तर प्रदेश शासन नेे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अवमुक्त केन्द्रांश की द्वितीय किश्त के प्रथम अंश की धनराशि के समतुल्य मैचिंग राज्यांश की धनराशि 2004.406 लाख (रूपये बीस करोड़ चार लाख चालीस हजार छः सौ मात्र) स्वीकृत करते हुए आयुक्त ग्राम्य विकास, उत्तर प्रदेश के निवर्तन पर रखने के निर्देश दिये हैं। इस सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही के लिए आयुक्त, ग्राम्य विकास विभाग, उ0प्र0 को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिसमें कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग अनुमन्य धनराशि की सीमा तक ही किया जायेगा। पूर्व में कराये गये निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से पूर्ण रूप से संतुष्ट होने पर ही वास्तविक आवश्यकता के अनुसार अग्रेतर किश्त व धनराशि का आहरण किया जायेगा। 

इसे भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश का बड़ा ऐलान, साइकिल चालकों की हादसे में मौत पर देंगे 5 लाख रुपए का मुआवजा 

दौलतपुर निरीक्षण भवन के पुनरोद्धार हेतु 7.50 लाख रूपये अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दौलतपुर निरीक्षण भवन के पुनरोद्धार की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि एक मुश्त बजट व्यवस्था 600 लाख रूपये में से 7.50 लाख अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 24 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का होगा। नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियों एवं पर्यावरणीय क्लीयेंश सक्षमस्तर से प्राप्त करके निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। इसके अलावा सक्षम स्तर से तकनीकि स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न होने पाये।

लौली निरीक्षण भवन के मरम्मत हेतु 17.39 लाख रूपये स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा लौली निरीक्षण भवन के मरम्मत की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि एक मुश्त बजट व्यवस्था 600 लाख रूपये में से 17.39 लाख रूपये अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 24 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का होगा। नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियों एवं पर्यावरणीय क्लीयेंश सक्षमस्तर से प्राप्त करके निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। इसके अलावा सक्षम स्तर से तकनीकि स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न होने पाये।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरयू नहर परियोजना की चलित नहरों की क्षमता पुनर्स्थापना हेतु 05 करोड़ 85 लाख 26 हजार रूपये स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरयू नहर परियोजना की चलित नहरों की क्षमता पुनर्स्थापना के कार्याें की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 2677.11 लाख रूपये में से 05 करोड़ 85 लाख 26 हजार रूपये परियोजना के कार्याें पर व्यय करने हेतु प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्वतन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 24 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का होगा। नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियों एवं पर्यावरणीय क्लीयेंश सक्षमस्तर से प्राप्त करके निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। इसके अलावा सक्षम स्तर से तकनीकि स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाये। प्रस्तावित कार्याें में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न होने पाये। 

इसे भी पढ़ें: पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर बरसे अमित शाह, बोले- भाजपा ने समाजवादी पार्टी की A,B,C,D पर फेर दिया पानी 

वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 1722 मामलों का निस्तारण किया गया

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष ड़ॉ0 रामबाबू हरित ने आज इन्दिरा भवन लखनऊ में पत्रकारो से आयोग की कार्य प्रणाली से सम्बन्धित वार्ता की ।इस दौरान उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा प्रदेश में रह रहे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के ओर से प्राप्त शिकायतों का अनुश्रवण और सुनवाई करके उसका सम्यक विधि एवं विधि पूर्वक समाधान किया जा रहा है। उन्होने बताया कि आयोग ने जनपद आगरा, आजमगढ़, औरैया, इटावा, कानपुरनगर, शाहजहॉपुर, अमरोहा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के साथ घटित घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया और वहॉ आयोग की टीम भेजकर स्थलीय जॉच करायी गयी और मामलों का नियमानुसार निस्तारण किया गया

उन्होने ने बताया कि आयोग में इस वर्ष 27 दिसम्बर 2021 तक कुल 6371 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुये जिनमें से 4649 मामले सम्बन्धित विभागों को निस्तारण हेतु भेजे गये। 1722 मामलों से सम्बन्धित विभागों से आख्याए मँगाकर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया उन्होने बताया कि 31 अगस्त 2021 से आयोग में पूर्व से विचाराधीन 342 मामलों ओर 128 नये मामलो की सुनवाई की गयी सुनवाई के उपरान्त 347 मामलों का निस्तारण किया गया शेष 123 मामलों में अग्रिम सुनवाई नियत है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा आर्थिक सहायता से सम्बन्धित मामलों का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेकर उनका त्वरित निस्तारण कराया गया जिसके फलस्वरूप 85 प्रकरणों का निस्तारण करते हुये परिवारो को रू0 1,28,91,250.00 (रू0 एक करोड़ अट्ठाइस लाख इक्यानवे हजार दो सौ पचास मात्र) की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में उपलब्ध करायी गयी और उन्हे पुनर्वास की प्रकिया में शामिल किया गया। उन्होने बताया कि समाज कल्याण विभाग से प्राप्त आकड़ो के आधार पर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 23592 व्यक्तियों को रूपये 229,05 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी। 

इसे भी पढ़ें: मौसम विभाग का अनुमान,लखनऊ समेत यूपी के इन 20 शहरों में अगले 24 घंटों में होगी बारिश और ओलावृष्टि

पूर्वांचल विकास निधि (राज्यांश)

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में पूर्वांचल विकास निधि (राज्यांश) के अन्तर्गत जनपद बलिया की 02 परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु रू0 01 करोड़ 57 लाख 61 हजार की अवशेष धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इन 02 परियोजनाओं में जनपद बलिया में मनियर बांसडीह मार्ग पर छितौनी ग्राम से रसूलपुर होते हुए रामपुर तक मार्ग का नवनिर्माण कार्य (लम्बाई 4.00 किमी0) तथा बसन्तपुर अपाईल मार्ग से ग्राम अपाइल में परशुराम सिंह के डेरा से राजभर बस्ती होते हुए शिवपुर सुखपुरा मार्ग (लम्बाई 2.200 किमी0) के हैं। जारी शासनादेश में आवंटित धनराशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र बजट मैनुअल के प्राविधानों के अनुसार अनिवार्य रूप से उ0प्र0 शासन को प्रेषित किया जाय तथा अवशेष कार्यों को पूर्ण कराते हुये पूर्णता प्रमाण-पत्र एवं फोटोग्राफ्स शासन को उपलब्ध कराया जाय। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed