पहले बयान,फिर सम्मान! दही-चूड़ा भोज के बहाने ब्राह्मणों को मनाने की कोशिश में जीतन राम मांझी
पंडितों के खिलाफ बोले गए मेरे शब्द”स्लिप ऑफ टंग”हो सकता है जिसके लिए मैं खेद प्रगट करता हूं।
वैसे मैं ब्राम्हण नहीं ब्राम्हणवाद के खिलाफ हूं,
ब्राम्हणवाद दलितों से नफरत करता है,दलितों को अछूत बताता है,गले में हडिया,कमर में झाडू,पैर में घूंघरू बंधवाया है।
इनका विरोध जारी रहेगा
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) December 21, 2021 दरअसल, बताया जा रहा है कि मांझी ने इस भोज में शामिल होने के लिए ब्राह्मणों के समक्ष एक शर्त रखी है। उन्होंने अपने शर्त में कहा है कि उनके भोजन में वही ब्राह्मण शामिल हो सकते हैं जो कभी भी मांस मदिरा का सेवन ना किया हो और ना ही चोरी डकैती की हो। ब्राह्मण समाज इसे अपनी बेज्जती के तौर पर देख रहा है। यही कारण है कि कई ब्राह्मण संगठनों ने इस भोज में शामिल होने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है। हालांकि, जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ‘हम’ की ओर से इस खोज को भव्य बनाने के लिए खूब जमकर तैयारी की जा रही है।।