भारतीय रेलवे का नटवरलाल, स्क्रैप माफियाओं को बेच डाला ट्रेन का इंजन, खुलासे ने सभी को किया हैरान
फिल्मों में आपने नटवरलाल ठग के बारे में देखा होगा जो कभी ताजमहल, तो कभी गंगा घाट को बेच देता था। वास्तविक जीवन में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसने रेलवे की नाक के नीचे से स्टीम इंजन को न केवल उठवाया, बल्कि एक स्क्रैप माफिया को बेच भी दिया। इस प्लान को अंजाम देने के लिए इस नटवरलाल इंजीनियर ने पूरी तैयारी कर रखी थी जिसमें उसका साथ दिया एक हेल्पर और दरोगा ने। जब इस मामले की जांच हुई तो खुलासे से सभी हैरान हो गए।
- समझिए पूरा मामला
ये पूरा मामला है बिहार के समस्तीपुर डिवीजन में आने वाले पूर्णिया कोर्ट स्टेशन का जहां काम करने वाले एक इंजीनियर ने ही रेलवे को ठगा। यहाँ रेलवे मंडल के पूर्णिया रेलवे स्टेशन के पास कई सालों से पुराने स्टीम इंजन खड़ी थी। ये स्टीम इंजन छोटी लाइन के थे। इसे समस्तीपुर के लोको डीजल शेड में कार्यरत इंजीनियर राजीव रंजन झा नाम के इंजीनियर ने DMI का फर्जी कार्यालय आदेश बनवाया। इस आदेश को दिखाकर राजीव रंजन झा ने रेलवे मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास खड़ी स्टीम इंजन को स्क्रैप माफियाओं को बेच दिया। इस इंजन की कीमत करोड़ रुपये में बताई जा रही है।
इस फर्जीवाड़ा में इंजीनियर का साथ दिया डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक निरीक्षक ने। इसका खुलासा तब हुआ जब ऑन ड्यूटी कांस्टेबल संगीता कुमारी को शक हुआ और उन्होंने इसकी जांच शुरू की। इस मामले को लेकर पूर्णिया आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान आर ने FIR दर्ज भी करा दिया है।
- कैसे आया मामला सामने?
ये मामला तब सामने आया जब 14 दिसम्बर 2021 को इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव के साथ इस इंजन को पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास काट रहा था। इसपर पूर्णिया आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान ने आपत्ति जताई तो राजीव रंजन ने डीजल शेड के DMI का आदेश पत्र दिखाते हुए कहा कि इस इंजन को वापस डीजल शेड ले जाना है। आदेश पत्र देख एमएम रहमान वहाँ से चले गए। इसके अगले दिन ऑन ड्यूटी कांस्टेबल संगीता ने रजिस्टर में स्क्रैप लोड के पिकअप वैन की एंट्री चेक की, परंतु एंट्री दिखी नहीं। इससे कांस्टेबल को शक हुआ और उन्होंने इसकी पूछताछ DMI से की। DMI ने स्पष्ट किया कि उसने डीजल शेड को लेकर कोई आदेश पत्र जारी नहीं किया है। दूसरी तरफ एमएम रहमान ने भी डीजल शेड पत्र को लेकर जांच की तो उन्हें भी बड़ी धांधली का पता चला।
- आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
इसके बाद स्क्रैप वैन को ढूंढने का काम शुरू हुआ, परंतु स्क्रैप लोड वाहन कहीं नहीं मिला। इस मामले को लेकर FIR दर्ज करा दी गई है। राजीव रंजन, सुशील यादव समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा DRM आलोक अग्रवाल ने तत्काल प्रभाव से न केवल इंजीनियर को, बल्कि जिसने भी उसका साथ दिया उसे निलंबित कर दिया है। इस मामले के मुख्य आरोपी राजीव रंजन झा फरार चल रहा है जिसकी गिरफ़्तारी के लिए पुलिस दिन रात छापेमारी कर रही है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ रेल संपत्ति अधिनियम के तहत एक्शन लिया जा रहा है।