अब समुद्र की गहराई का लगेगा पता, इस मिशन की तैयारी में ISRO
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) मानव मिशन गगनयान समेत अंतिरक्ष में उपग्रह भेजने के लिए जाना जाता है, अब एक और नए मिशन के लिए तैयार है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो अब मानवयुक्त मिशन की तैयारी में जो समुद्र की 6,000 मीटर गहराई में एक विशेष क्षेत्र के निर्माण में मदद करेगा। इसकी जानकारी खुद संसद में दी गई है।
आपको बता दें कि, सरकार ने एक डीप ओशन मिशन शुरू किया है जो कि, समुद्र की गहराई की खोज करेगा। इस मिशन के तहत समुद्र की गहराई का पता लग सके इसके लिए मानवयुक्त वैज्ञानिक पनडुब्बी विकसित करने का भी प्रस्ताव जारी किया गया है। इस प्रोजेक्ट को समुद्रयान के नाम से जाना जाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी साझा करते हुए राज्यसभा में दी है।
डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत संस्थान ने पहले ही 500 मीटर पानी की गहराई की रेटिंग के लिए एक मानवयुक्त पनडुब्बी विकसित किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि, इसी साल अक्टूबर में अनुसंधान पोत सागर निधि का इस्तेमाल किया जा चुका है। बंगाल की खाड़ी में हल्के स्टील का उपयोग कर 500 मीटर पानी की गहराई तक क्रू मॉड्यूल के रूप में उपयोग किए जाने वाले 2.1 मीटर व्यास के कर्मियों के क्षेत्र को विकसित किया गया है और 600 मीटर पानी की गहराई तक परीक्षण किया गया है।”उन्होंने कहा, “6,000 मीटर पानी की गहराई रेटिंग के लिए मानवयुक्त पनडुब्बी प्रणाली के लिए एक टाइटेनियम मिश्र धातु कर्मियों का क्षेत्र, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, इसरो, तिरुवनंतपुरम के सहयोग से विकास के अधीन है।”