ताजमहल के कारीगरों के हाथ कटवा दिए गए थे, PM ने काशी में बरसाए फूल, कुछ इस अंदाज में नरेंद्र तोमर ने की मोदी की तारीफ
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे, इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे। ये लाइने आपने पढ़ी या सुनी होंगी। नहीं सुनी तो हम बता देते हैं ये मशहूर नज्म फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ द्वारा लिखी गई है। दुनिया चाहे ईश्वर ने बनाई हो, पर इसको बदला और गढ़ा मजदूरों ने है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार अपने ड्रीम प्रोजक्ट काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन कर लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। यह परियोजना दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को कई सुविधाएं प्रदान करने के अलावा मंदिर परिसर को गंगा नदी से जोड़ती है। उद्घाटन समारोह से पहले पीएम ने इस कॉरिडोर बनाने वाले सभी मजदूरों पर फूलों की वर्षा की। जिसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के काम में योगदान देने वालों के प्रति नरेंद्र मोदी की कृतज्ञता की भरसक सराहना की। उन्होंने ताजमहल का उदाहरण देते हुए कहा कि इसे बनाने वालों के काटे गए थे हाथ, लेकिन पीएम ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास में शामिल कार्यकर्ताओं पर अपना आभार व्यक्त करने के लिए फूल बरसाए।
गुजरात के आणंद में प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी आप लोगों ने एक-दो दिन पहले काशी के कॉरिडोर के उद्घाटन का अवसर देखा होगा। उस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को संवेदनशील की दिशा देने का काम किया। तोमर ने कहा कि सामान्य तौर पर हम अपना मकान बनाते हैं उसमें एक गरीब कारिगर, बंचे समाज का कारिगर और बेलदार काम करता है। हम ऐसा मानते हैं कि उसने काम किया। हमने उसी मजदूरी दे दी। हमारा और उसका रिश्ता खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि एक समय था हम इतिहास में सुनते थे कि आगरा में ताजमहल का निर्माण हुआ। जिन कारिगरों ने निर्माण किया उनके हाथ काट दिए गए थे। लेकिन विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण करने वाले कारिगर और बेलदारों का स्वागत करके एक नए आयाम को इस देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिया गया।
- ताजमहल बनाने में 20 हजार मजदूरों ने योगदान दिया
आगरा का ताजमहल जिसे कई लोग प्यार का प्रतीक भी मानते हैं। लेकिन जितनी चर्चा उसकी खूबसूरती की होती है उतनी ही इसके बनने की कहानियों की भी चर्चा होती है। ताजमहल को बनाने को लेकर कई तरह के मिथ हैं। कहा जाता है कि मुमताज की याद में बनायी गई इस खूबसूरत इमारत जैसी कोई और इमारत ना बने इसलिए शाहजहां ने कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे। ताजमहल को बनाने में करीब 20 हजार मजदूरों ने योगदान दिया था। और इसका काम करीब 22 साल तक चला।
- पीएम ने करवाई पुष्प वर्षा
काशी-विश्वनाथधाम पहुंचे पीएम मोदी ने गर्भगृह में विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद और लोकार्पण से पहले वह सीधे मजदूरों के बीच पहुंचे। उन्होंने मजदूरों पर फूल बरसाए। इसके बाद उनके साथ बैठकर ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने दोपहर का भोजन उन्हीं मजदूरों के साथ किया।