मोदी ने किया काशी विश्वनाथ धाम बनाने वालों का सम्मान,कारीगरों पर की फूलों की वर्षा
बीते कुछ दिनों से काशी विश्वनाथ धाम की चर्चा खूब हो रही है। आज प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया। केवल इतना ही नहीं वह इस दौरान काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में लगे कारीगरों के साथ भोजन करते भी दिखे। उन्होंने मजदूरों पर पुष्प वर्षा, मजदूरों के साथ फोटो सेशन और अपने भाषण में उनका जिक्र भी किया। मजदूरों के साथ बैठकर भोजन करके उन्होंने जनता को बड़ा संदेश देने की कोशिश की। मजदूरों पर पुष्प वर्षा करने के बाद पीएम मोदी उनके साथ बैठे।
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि, इस निर्माण कार्य को करने वाले कारीगर उनके लिए कितनी अहमियत रखते हैं। उन्होंने मजदूरों के साथ भोजन करके और उन पर पुष्प वर्षा कर के उत्तर प्रदेश की जनता को भी बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। दरसल आने वाले 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री की इस पूरी कवायद को सियासी जानकार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मजदूरों के साथ भोजन करके कहीं ना कहीं जनता को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वो बराबरी में यकीन रखते हैं। उनके द्वारा किए गए आदर सत्कार से काशी विश्वनाथ धाम निर्माण में लगे कारीगर भी गदगद दिखे। पीएम मोदी के साथ बैठने वालों में मजदूर कृष्णा दास, अनवर खान, मोहम्मद अजीज और राम कैलाश आदि बैठे थे। उन सब के चेहरे पर काशी विश्वनाथ धाम निर्माण कार्य गति से पूरा करने को लेकर चेहरे पर चमक साफ देखी जा सकती थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2500 मजदूरों के साथ भोजन किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम निर्माण के लिए मजदूरों के महत्वपूर्ण योगदान को भी सराहा। उन्होंने कहा कि शिव के धाम में यह सभी शिव के स्वरूप है, जिनकी बदौलत यह कॉरीडोर बनकर तैयार हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं। आपको याद होगा प्रयागराज में 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री मोदी कर्मचारियों के पाँव धोते हुए नजर आए थे। उस समय भी उनके काम को 2019 के लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा गया था। और कहीं ना कहीं यह सच भी था। उन्होंने सफाई कर्मचारियों के प्रति सोच बदलने की भी कोशिश की। इसी दौरान उन्होंने कहा था स्वच्छ कुंभ कार्यों की वजह से ही मुमकिन हो पाया है। और कर्मचारियों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। मोदी की इस कवायद का असर भी 2019 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिला था सपा और बसपा के होने के बाद भी बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 60 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं दरअसल चुनाव नजदीक आने के साथ साथ मोदी ऐसा कोई काम करने से नहीं चूकते जिससे जनता में एक सकारात्मक संदेश जाए। प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी यह सारी कवायद चुनाव को देखते हुए कर रहे हैं। यूपी चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी जनता को संदेश देना चाहते हैं कि वो सबको बराबरी की नजर से देखते हैं और सबका साथ सबका सबका विकास में यकीन रखते हैं। 2019 की ही तरह मोदी ने इस बार भी मजदूरों के साथ भोजन करके, और उन पर पुष्प वर्षा कर के, जनता को एक सकारात्मक संदेश दिया है। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह कवायद 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को फिर से सत्ता हासिल करने में मदद करती है या नहीं। लेकिन एक बात साफ है मोदी और भाजपा चुनावों के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कहीं ना कहीं बीजेपी को भी एहसास है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाएगा।
