चुनाव आयोग ने भागलपुर प्रमंडलीय आयुक्त को दिए जांच के आदेश
- हफ्ते भर में देना है रिपोर्ट
भागलपुर के बिहपुर में इंजीनियर आशुतोष पाठक की पुलिस पिटाई से हुई मौत मामले में अब निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने भागलपुर प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी घटना की जांच कर अपनी रिपोर्ट हफ्ते भर के अंदर सौंपने का निर्देश दिया है। मामले में मुख्य आरोपी बिहपुर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार अभी भी फरार हैं। मामले में अन्य तीन आरोपी एएसआई शिवबालक प्रसाद, होमगार्ड जवान राजू पासवान और मनोज चौधरी को एसआईटी ने शुक्रवार की देर शाम कदवा दियारा से गिरफ्तार कर लिया है।
मामले की वजह से बदल रहे हैं सियासी समीकरण
आशुतोष पाठक मामले की वजह से बिहपुर विधानसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण लगातार बदल रहा है। पहले महागठबंधन से राजद के प्रत्याशी शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल और एनडीए से भाजपा उम्मीदवार इंजीनियर कुमार शैलेंद्र के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन अब इलाके के लोग पुलिस की इस करतूत से बेहद गुस्सा है। खासकर सवर्ण काफी आक्रोश में हैं। लोग एकजुट होकर रणनीति बना रहे हैं कैसे ऐसे गुंडागर्दी करनेवाले पुलिसवालो को वोट की चोट से सबक सिखाया जाए। इस रणनीति से राजद व भाजपा के प्रत्याशी को अलग-अलग नफा-नुकसान हो सकता है।
बिहपुर विधानसभा भूमिहार व सवर्ण बहुल इलाका है। हालांकि हर बार सवर्णों का वोट बंटता रहा है। लेकिन इस बार सवर्ण निर्णायक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। इनलोगों का वोट जिधर जाएगा, उनका पलड़ा भारी होगा।
24 अक्टूबर को पुलिस ने की थी आशुतोष की पिटाई
एनएच-31 पर महंथ स्थान चौक के पास 24 अक्टूबर को वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस और सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक के बीच नोकझोंक हुई थी। इसके बाद बिहपुर थानेदार रंजीत कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। थानेदार आशुतोष को पीटते हुए थाने ले गए थे। वहां हाजत में नंगा कर थानेदार ने डंडे और अन्य पुलिस वालों ने बूट से पीटा था। उसी दिन शाम में परिजनों उन्हें इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां 25 अक्टूबर की सुबह उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में परिजनों ने थानेदार सहित छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है।