Parliament Diary । आजादी के बाद नहीं हुई जातिवार गणना, पूर्वोत्तर से AFSPA हटाने की उठी मांग

0
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। हालांकि राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष का शोर-शराबा जारी है। विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही विपक्ष किसानों और नागालैंड मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रहा है। कुल मिलाकर देखें तो संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार गतिरोध कायम है। राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे ने साफ तौर पर आरोप लगा दिया है कि संसद में पैदा हो रही अड़चनों के लिए सरकार ही जिम्मेदार है। वहीं, सरकार की ओर से निलंबित 12 सांसदों से लगातार माफी मांगने को कहा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि अगर वह आज भी माफी मांगते हैं तो हम निलंबन को वापस लेंगे। 
 

इसे भी पढ़ें: 12 सांसदों के निलंबन पर विवाद, सरकार ने माफी मांगने को कहा, विपक्ष का इंकार

लोकसभा की कार्यवाही
– सरकार ने लोकसभा को सूचित किया कि उसने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में संशोधन का मसौदा तैयार किया है जिसके माध्यम से राज्यों में पंजीकरण के रिकॉर्ड को राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ों में शामिल करने का प्रावधान जोड़ा गया है। 
– लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के दो सदस्यों ने धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए मांग की कि दूसरा धर्म अपनाने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। सदन में शून्यकाल में ही बीजू जनता दल के एक सांसद ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की भी मांग उठाई। भाजपा के निशिकांत दुबे ने झारखंड में धर्मांतरण के विषय को उठाते हुए कहा कि प्रलोभन देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का चलन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 में कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी) के लोग यदि धर्म परिवर्तन करेंगे तो उनका आरक्षण समाप्त हो जाएगा, इस कारण से एससी वर्ग धर्मांतरण से बचा हुआ है। 
– भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान की मांग करते हुए लोकसभा में कहा कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 में जरूरी संशोधन किए जाएं।
– सरकार ने मंगलवार को बताया कि देश में आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातिवार गणना नहीं की गई है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जातियों एवं जनजातियों को समय-समय पर यथा संशोधित (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 तथा संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 के तहत विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित किया गया है और इनकी एक दशक में होने वाली जनगणना में गिनती की जाती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातिवार गणना नहीं की है। 
 

इसे भी पढ़ें: भाजपा संसदीय दल की बैठक में बोले PM मोदी, सांसदों को सदन में रहना चाहिए मौजूद

– कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग मंगलवार को लोकसभा में उठाई और कहा कि सरकार को इन किसान परिवारों को उनका अधिकार देना चाहिए। राहुल गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाया और लोकसभा के पटल पर करीब 500 किसानों की एक सूची भी रखी और दावा किया कि इन लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई। 
राज्यसभा की कार्यवाही
निलंबित 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक मंगलवार को दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बज कर करीब 15 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को सहायताप्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2021 और सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2020 पर अपनी बात पूरी करने के लिए कहा। मांडविया ने अपनी बात शुरू की। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और आसन के समक्ष आकर नारे लगाने लगे। सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत कुछ नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया। 

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *