ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन फिलहाल खत्म नहीं होने वाला है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बावजूद भी किसानों का आंदोलन अभी जारी है। किसान संगठन कई और मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करने के पक्ष में हैं। इसी कड़ी में किसानों की ओर से 5 सदस्य कमेटी बनाई गई थी जो एमएसपी सहित तमाम मुद्दों पर सरकार से बातचीत करेगी। इस कमेटी में 5 सदस्य को शामिल किया गया है। आज इसी समिति की बैठक हुई। बैठक के बाद समिति के सदस्य गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि कल हमारी संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है और आज हमारी 5 सदस्यीय कमेटी की बैठक थी। ये फैसला किया गया है कि कल की बैठक में आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सबकी सहमति से निर्णय लिया जाएगा।
Neither Centre nor any State Govt called the committee so far. No talks held so far. Tomorrow we have a meeting of Samyukta Morcha, today we had a meeting of the 5-member committee. The 9-member committee was called too so that transparent talks are held: Gurnam Singh Charuni,BKU pic.twitter.com/jK4SjXqCGj
— ANI (@ANI) December 6, 2021 चढ़ूनी ने कहा कि अभी तक सरकार की तरफ से कोई संदेश नहीं आया है इसलिए हम आंदोलन कैसे लड़ें और आंदोलन में हमारा अगला कदम क्या हो इसका फैसला कल की बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शी वार्ता के लिए 9 सदस्यीय कमेटी भी बुलाई गई। आपको बता दें कि एसकेएम ने आगे की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई है जिसमें बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का और अशोक धावले को शामिल किया गया है।
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि बैठक में केंद्र सरकार को किसानों पर दर्ज मामले लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून की गांरटी,मुआवजे और बाकी मांगों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। एसकेएम ने बताया कि सात दिसंबर को मोर्चे की दोबारा बैठक होगी। किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की सूची केंद्र को भेजी गई है जिनके परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों की जानकारी नहीं है।