शीत ऋतु के लिए संवेदनशील क्षेत्रों का मानचित्रण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएः मुख्य सचिव

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शिमला  मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने आज यहां उपायुक्तों और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ-राजस्व विभाग द्वारा आयोजित शीतकालीन मौसम की तैयारियों पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने उपायुक्तों और संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए तैयार रहने और विशेष रूप से बर्फीले क्षेत्रों के लिए आवश्यक वस्तुओं के संग्रह करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी सर्दी के मौसम के लिए संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर इन क्षेत्रों का मानचित्रण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।
 

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राम सुभग सिंह ने शैडों एरिया की पहचान करने और विशेष रूप से जनजातीय और दूर-दराज के क्षेत्रों में संचार प्रणालियों की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने संचार के वैकल्पिक विकल्पों को खोजने और संचार के सभी साधन जैसे मोबाइल, लैंडलाइन, आईएसएटी, वीएसएटी आदि की कार्यक्षमता की जांच करने के लिए माॅक ड्रिल आयोजित करने को कहा।उन्होंने पिछले अनुभव के अनुसार संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और बर्फ हटाने के लिए क्षेत्र को प्राथमिकता देकर श्रमशक्ति और मशीनरी तैनात करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से अटल टनल से लगते क्षेत्रों के लिए विशेष व्यवस्था करने के लिए कहा क्योंकि सर्दियों के मौसम के दौरान इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने राज्य के निचले क्षेत्रों के उपायुक्तों को सर्दियों में शीत लहरों के लिए तैयारियां करने और खुले क्षेत्रोें में रहने वालों को आश्रय प्रदान करने को कहा।
 

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उन्होंने पुलिस विभाग को त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सर्दियों से पहले सभी लकड़ी के खंभों को बदलने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि हिमाछादित क्षेत्रों में बर्फ हटाने के लिए आवश्यक स्नो ब्लोअर और अन्य मशीनरी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों की तैयारियों का भी जायजा लिया।उन्होंने जंगल और घरेलू आग के बारे में क्या करें और क्या न करें के बारे में लोगों कोे जागरूक करने को कहा। बैठक में सभी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और संबंधित विभागों के अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

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