पूर्वोत्तर को लेकर विगत सरकार पर बरसे PM मोदी, बोले- पहले बंद कमरे में बनती थी योजना पर हमने जरूरत के हिसाब से बनाई

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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) की पहली किस्त ट्रांसफर की। इस दौरान लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 700 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमारा त्रिपुरा और समूचा पूर्वोत्तर बदलाव का साक्षी बन रहा है। आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दी गई पहली किस्त ने त्रिपुरा के सपनों को भी नया हौसला दिया है। मैं पहली किस्त का लाभ पाने वाले लगभग डेढ़ लाख परिवारों और सभी त्रिपुरा-वासियों को हृदय से बधाई देता हूं। 

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उन्होंने कहा कि हमारी यही कोशिश है कि देश के सामान्य मानवी को किसी भी योजना के लिए न तो भटकना पड़े और न ही उसके पैसे को किसी बिचौलिए द्वारा छीना जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पारदर्शी ढंग से चयन, घरों की जिओ टैगिंग, ग्रामसभा में नाम का एलान, निष्पक्ष सर्वे और डीबीसी इसी सोच का हिस्सा है। आपको पहले की सरकारें भी याद होंगी, जहां कट कल्चर के बिना कोई काम ही नहीं होता था। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के साथियों से बात करके मेरा विश्वास और बढ़ गया है। विकास की ये चमक, अपने घर और सम्मानपूर्ण जीवन का ये आत्मविश्वास त्रिपुरा और समूचे पूर्वोत्तर को बहुत ऊंचाई तक ले जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से हमारी नदियां पूर्व आती थी लेकिन विकास की गंगा यहां पहुचने से पहले ही सिमट जाती थी। देश के समग्र विकास को टुकड़ों में देखा जाता था, सियासी चश्मों से देखा जाता था। इसी वजह से हमारा पूर्वोत्तर उपेक्षित महसूस करता था। 

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उन्होंने कहा कि देश के विकास को एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से देखा जाना चाहिए। विकास को देश का एकता और अखंडता का पर्याय माना जाना चाहिए। पहले नीतियां दिल्ली के बंद कमरों में बनती थी और पूर्वोत्तर में फिट करने की नाकाम कोशिश होती थी। जमीन से यहीं कटाव ही अलगांव को जन्म देती थी इसीलिए पिछले सात सालों में देश ने एक नई सोच तय की। अब दिल्ली के हिसाब से ही नहीं बल्कि यहां की जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनती हैं।

यहां सुने पूरा संबोधन:-

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