धार्मिक व्यक्ति नहीं थे सावरकर, उन्हें गोमांस खाने में भी नहीं थी कोई परेशानी: दिग्विजय सिंह

0

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने वीर सावरकर पर निशाना साधा। दरअसल, दिग्विजय सिंह बुधवार को अयोध्या फैसले पर लिखी सलमान खुर्शीद की एक किताब के लॉन्च पर संबोधन अपना संबोधन दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि मीडिया भी हिंदुत्व को हिंदू धर्म से जोड़ता है। जबकि हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। सनातनी परंपराओं से कोई लेना-देना नहीं है। 

इसे भी पढ़ें: प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के लोगों में जगाया नया विश्वास : दिग्विजय सिंह 

धार्मिक व्यक्ति नहीं थे सावरकर

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए वीडियो के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सावरकर जी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने ने तो यहां तक कहा था कि गाय को माता क्यों मानते हो और उन्हें गौमांस खाने में कोई ऐतराज नहीं था। तो सावरकर जी ने ‘हिंदुत्व’ शब्द लाया और उसके कारण लोगों में भ्रम फैल गया।

#WATCH | Congress’ Digvijaya Singh says “…’Hindtuva’ has nothing to do with Hinduism. Savarkar wasn’t religious.He had said why is cow considered ‘maata’ & had no problem in consuming beef. He brought ‘Hindutva’ word to establish Hindu identity which caused confusion in people” pic.twitter.com/y4zde6RtDM

— ANI (@ANI) November 10, 2021

क्या खतरे में है हिंदू धर्म ?

इसी बीच उन्होंने कहा कि आज कहा जाता है कि हिंदू धर्म खतरे में हैं। 500 साल के मुगल और मुसलमानों के शासन में हिंदू धर्म का कुछ नहीं बिगड़ा। ईसाइयों के 150 साल के राज में हमारा कुछ नहीं बिगड़ा, तो अब हिंदू धर्म को खतरा किस बात का है। उन्होंने कहा कि खतरा केवल उस मानसिकता और कुंठित सोची समझी विचारधारा को है जो देश में ब्रिटिश हुकूमत की ‘फूट डालो और राज करो’ की विचारधारा थी, उसको प्रतिवादित कर अपने आप को कुर्सी पर बैठाने का जो संकल्प है, खतरा केवल उन्हें है। समाज और हिंदू धर्म को खतरा नहीं है।

वाजपेयी का गांधीवादी समाजवाद विफल हुआ

दिग्विजय सिंह ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और आरएसएस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब साल 1984 में वो केवल 2 सीटों में सिमट गए तो उन्होंने इसे राष्ट्रीय मुद्दा (राम जन्मभूमि विवाद) बनाने का फैसला किया क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी का गांधीवादी समाजवाद विफल हो गया। 

इसे भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह ने बीजेपी की तुलना हिटलर से की, गृह मंत्री ने कहा – चिंता अपनी और कांग्रेस की करे 

उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें कट्टर धार्मिक सिद्धांतों के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया गया। जिसको आरएसएस की विचारधारा के तौर पर जाना जाता है। आडवाणी जी की यात्रा ही समाज को बांटने वाली थी। वे जहां भी गए नफरत के बीज ही बोए।

When they remained confined to just 2 seats in 1984, they decided to make this a national issue (Ram janmbhoomi dispute) because Atal Bihari Vajpayee’s Gandhian socialism failed in 1984: Congress leader Digvijaya Singh at the launch of Salman Khurshid’s book on Ayodhya verdict pic.twitter.com/cbhPyCe53g

— ANI (@ANI) November 10, 2021

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed