झारखण्ड में बदहाल खिलाड़ी : राज्य को गोल्ड मेडल दिलाने वाला गैराज में कर रहा काम
- उम्र महज 20 साल
- राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद में गोल्ड मेडल
- अब गैराज में बतौर हेल्पर काम करने को मजबूर
झारखण्ड : हमारे देश में प्रतिभा कदम-कदम पर नजर आती है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में वह प्रतिभा अक्सर किसी कोने में दम तोड़ देती है। कुछ ऐसा ही हाल राष्ट्रीय हैंडबॉल चैंपियन विकास कुमार पांडेय का है, जो चार बार झारखण्ड की टीम का हिस्सा बन चुके हैं।
विकास की उम्र महज 20 साल है। वह राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद में गोल्ड मेडल लाकर राज्य का नाम ऊंचा कर चुके हैं, लेकिन अब गैराज में बतौर हेल्पर काम करने को मजबूर हैं। दरअसल, चार साल पहले विकास के पिता की मौत हो गई। इसके बाद मां की मानसिक स्थिति बिगड़ती चली गई।
घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ी तो खाने के लाले पड़ने लगे। ऐसे में विकास की बहन ने ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह भी न चल पाया। मजबूरन विकास को चार हजार रुपये महीने वेतन पर गैराज में काम करना पड़ गया।