पुण्यतिथि पर याद किए गए हैं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

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  • राष्ट्रीय विचार मंच के कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

झारखण्ड/पाकुड़ : भारतीय जनसंघ के संस्थापक प्रखर राष्ट्रवादी,महान शिक्षाविद, चिंतक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज पुण्यतिथि है।

 

बलिदान दिवस पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच, पाकुड़ के सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्केट कंपलेक्स में उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित किया कार्यक्रम का नेतृत्व अनुग्राहित प्रसाद साह ने किया।

 

इस अवसर पर बाबूधन मुर्मू, सुनील कुमार सिन्हा, भाजपा नेता हिसाबी राय, विवेकानंद तिवारी, शबरी पाल, विश्वनाथ प्रसाद भगत, बृजेंद्र ओझा, धर्मेंद्र त्रिवेदी, सुशील साहा, अनिकेत गोस्वामी, मंजूर आलम, सुशील साह, वार्ड पार्षद अशोक प्रसाद आदि ने उनके प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

 

 

इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता अनुग्राहित प्रसाद साह ने कहा कि राष्ट्रीय अस्मिता के आदित्य प्रतीक डॉ मुखर्जी के बलिदान दिवस पर शत-शत नमन है। भारत की एकता और अखंडता के लिए उनका बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। आगे उन्होंने कहा कि 23 जून 1953 को श्रीनगर की जेल में उनकी रहस्यमयी मौत हो गई थी। वर्ष 1953 में आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए डॉ मुखर्जी जम्मू कश्मीर में लागू परमिट सिस्टम को तोड़ते हुए जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया। उन्हें जम्मू कश्मीर पुलिस ने लखनपुर में ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें 44 दिन जेल में रखा गया और 23 जून को उनकी रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई।

 

 

डॉ मुखर्जी जिन सपनों को संजोए स्वर्ग सिधार गए थे, आज उनका सपना साकार हुआ हुआ है। केंद्र की वर्तमान एनडीए की सरकार ने 370 धारा को समाप्त कर संविधान के काले अध्याय को समाप्त किया है। हम वर्तमान भारत सरकार को हृदय से अभिनंदन करते हैं कि आज डॉ मुखर्जी के आत्मा को शांति मिल गई होगी। आज पूर्ण रूप से जम्मू कश्मीर अपने देश में शामिल हो गया है। हमें गर्व है कि हम ऐसे दल के कार्यकर्ता हैं जिनके संस्थापक डॉक्टर मुखर्जी जैसे राष्ट्रभक्त रहे हैं।

 

 

वहीं भाजपा नेता हिसाबी राय ने डॉ मुखर्जी को याद किया और उनके उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि अखंड भारत के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले डॉ मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि और कोटि-कोटि नमन है।

आकाश भगत

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