दिल्ली में लॉकडाउन के कारण अस्त-व्यस्त हुई सेक्स वर्कस की जिंदगी

0
  • मदद को आगे आए लोग
देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जब एक बार फिर 19 अप्रैल को दिल्ली में लॉकडॉन की घोषणा हुई तो कई सेक्स वर्कर्स दिल्ली छोड़कर अपने गांवों की ओर प्रस्थान करने लगे। हालांकि ये फैसला दिल्ली सरकार को कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण लेना पड़ा।
इस महामारी और उसके कारण लगे लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगो को  झेलनी पड़ी, जो रोज अपने के कार्यों से अपनी आजीविका चलाते थे और अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ बड़ी मुश्किल से कर पाते थे।

 

 

 

इस वैश्विक महामारी के कारण लाखों लोगों की जिंदगियां बेपटरी हो गई। वहीं देशव्यापी लॉकडाउन के बाद हाशिए पर खड़ा सेक्स वर्कर्स का एक बड़ा तबका भी भुखमरी के कगार पर पहुंच गया। कोरोना वायरस के चलते और संक्रमण के डर से इन बदनाम गलियों में इक्के दुक्के ग्राहक भी नहीं पहुंच रहे। आमदनी नहीं होने के चलते इन सेक्स वर्कर को एक-एक दिन काटना मुश्किल हो गया। जिसके कारण मजबूरी में कुछ दिल्ली छोड़कर चले गए, जो यहां रुके वह अपनी बचत और पहले के बचे हुए राशन के बल पर बड़े मुश्किल से अपने और अपने बच्चों का पालन-पोषण किया।
भारत में सेक्स वर्क ग़ैरक़ानूनी नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस की मार ने इसे लगभग ख़त्म कर दिया, जिसके चलते दिल्ली के जीबी रोड की सेक्स वर्करों को काफ़ी परेशानी उठाना पड़ा।
सेक्स वर्कर्स को लेकर समाज में बनी धारणा के कारण इन्हें कहीं से भी मदद मिल पाना बेहद मुश्किल था, इन्हें असामाजिक तत्व कह कर नकार दिया जाता है। अक्सर हमारा समाज इन जैसे लोगो की परवाह नहीं करता, ना ही इनको होने वाली परेशानियों की चर्चा ही होती है। लेकिन इस वैश्विक महामारी का प्रभाव इन लोगो के जीवन पर भी उतना ही पड़ा है, जितना बाकी लोगो पर।
ये भी दो वक्त की रोटी की चिंता में अपनी जिंदगी बिताने को मजबूर थे। ऐसे प्रतिकूल परिस्थितियों में इन लोगों की बदहाल जिंदगी में आशा की एक किरण बन कर आया और “वृक्षित फाउंडेशन”। वृक्षित फाउंडेशन ने इस मुश्किल की घड़ी में मदद का हाथ बढ़ाते हुए दिल्ली के जीबी रोड इलाके में रह रहे 800 से भी ज्यादा सेक्स वर्कर्स के परिवारों के बीच राशन का वितरण किया।

 

 

 

 

जिसके तहत सेक्स वर्कर्स के परिवारों के बीच दाल, चावल आटा, साबुन, सैनिटाइजर, चीनी, नमक , मसाले और सैनिटरी पैड सहित रोजमर्रा के अन्य सामान पहुंचाएं। इस मुश्किल वक्त में जब हर कोई एक दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहा है, वृक्षित फाउंडेशन जरूरतमंद लोगों के पेशे, जाति या धर्म को न देखते हुए, सबको एक मानव समझते हुए मानवता के नाते लोगों की मदद कर रहा है।
 हम सब को भी व्यक्तिगत तौर पर यथासंभव लोगो कर मदद के लिए आगे आना होगा तभी कोरोना को पराजित करके हमें विजय प्राप्त कर पाएंगे।
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *