विद्युत अधिकारी व कर्मचारियों की आज देशव्यापी हड़ताल
केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत सुधार बिल 2021 एवं एसबीडी को तुरंत वापस लेने सहित विद्युत वितरण कम्पनियों के निजीकरण को वापस लेकर देश में प्राइवेट फ्रेंचाईजी को समाप्त करने की मांग को लेकर नेशनल को-ऑर्डीनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एवं इंजिनियर्स के आह्वान पर तीन फरवरी बुधवार को देश भर के विद्युत अधिकारी व कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करेंगे।
मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स के प्रांतीय संयोजक इंजी. व्ही.के.एस. परिहार ने बताया कि बजट भाषण में केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा विद्युत क्षेत्र में वितरण कम्पनियों के घाटे एवं उपभोक्ताओं की सुविधा के नाम पर औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने की नीयत से संपूर्ण विद्युत क्षेत्र के निजीकरण की घोषणा की गई है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार विद्युत क्षेत्र के विशेषज्ञों एवं संगठनों से चर्चा किए बिना एक तरफा निर्णय लेकर विद्युत सुधार अधिनियम 2021 एवं वितरण कम्पनियों के निजीकरण के लिए एसबीडी लाकर निजीकरण करने जा रही है, जिससे आम उपभोक्ता, किसानों एवं विद्युत क्षेत्र में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
इन सभी मुद्दों को लेकर नेशनल को-ऑर्डीनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एवं इंजिनियर्स ने पूरे देश में तीन फरवरी बुधवार को एक दिवसीय पूर्ण कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है, जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के बैनर तले संपूर्ण मध्य प्रदेश में भी विद्युत अधिकारी व कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर रहेंगे।