‘एनीमिया मुक्त झारखण्ड’ अभियान के तहत हाई स्कूल अमड़ापाड़ा में बच्चों की हुई हीमोग्लोबिन जांच और स्क्रीनिंग

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झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा : ज़िले के अमड़ापाड़ा प्रखण्ड स्तिथ हाई स्कूल अमड़ापाड़ा में झारखण्ड सरकार द्वारा चलाए जा रहे “एनीमिया मुक्त झारखंड” अभियान के तहत स्कूलों में बच्चों की नियमित रूप से हीमोग्लोबिन जांच और स्क्रीनिंग की गई।

 

 

मौके पर उपस्थित मनोज कुमार सीएचओ ने बताया कि एनीमिया खासतौर पर बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती है। शरीर में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन का स्तर घट जाता है, जिससे बच्चों में थकान, चिड़चिड़ापन और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। यहां हम जाँच कर बच्चों के बीच मुफ्त दवा का भी वितरण कर रहें हैं।

 

जांच प्रक्रिया और पहल

नियमित स्वास्थ्य शिविर: स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों में स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर और एएनएम बच्चों की जांच करते हैं।

 

हीमोग्लोबिन जांच : मुख्य रूप से बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा जाता है, जो एनीमिया का पता लगाने का एक सामान्य तरीका है।

 

निःशुल्क दवा और उपचार: जिन बच्चों में एनीमिया पाया जाता है, उन्हें सरकार द्वारा मुफ्त में दवाएं (आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां/सिरप) प्रदान की जाती हैं।

 

जागरूकता अभियान: जांच के साथ-साथ, बच्चों, शिक्षकों और माता-पिता को एनीमिया के लक्षणों, बचाव के उपायों और पोषण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।

 

वहीं विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य चंदन कुमार ने अभियान को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय से एनीमिया जैसी गंभीर समस्या का प्रभावी समाधान संभव है।

 

मौके पर ऋषिकांत सिंह लैब टेक्नीशियन, एनम रीता मुर्मु, वीना किरण मरांडी, चंदा कुमारी व ज्योति किरण ने जाँच में मुख्य भूमिका निभाई।

इस पहल का उद्देश्य बच्चों में एनीमिया की पहचान करना, उसका उपचार करना और बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।