पत्थर खनन में पैसे वालों का बोलबाला : हैवी ब्लास्टिग कर उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां, गरीबों की जान से खिलवाड़
- हैवी ब्लास्टिग से उड़ा पत्थर दर्जनों आवासों पर गिरा
- बाल-बाल बचे दर्जनों ग्रामीण
झारखण्ड/पाकुड़, हिरणपुर :ताज़ा मामला ज़िले के हिरणपुर प्रखण्ड अंतर्गत बेलपहाड़ी गांव में अजहर इस्लाम के पत्थर खदान से हैवी ब्लास्टिंग होने के दौरान पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े दर्जनों लोगों के घरों की छत और सड़क पर गिरे।
ज्ञात हो कि झारखण्ड में विगत 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए, अजहर इस्लाम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार थे। वह आजसू पार्टी (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) से संबंधित हैं, जो एनडीए का हिस्सा है।
पत्थर गिरने से एक वृद्ध महिला के मकान के ऊपर लगी टाली के के टुकड़े हो गए, मौके पर बाल बाल बची वृद्ध महीला। आसपास के घरों में रहने वाले लोग भी बाल-बाल बच गए। वहीं पत्थर गिरने से अफरातफरी मच गई। कई ग्रामीणों को पत्थर से चोट भी लगी और वे घायल हो गए।

मौके पर मौजूद ग्रामिणों का कहना है कि 100 मीटर की दूरी पर खदान संचालित हो रही है, जहां सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी कर हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है, इससे लोगों के मकान को नुकसान हो रहा है। आज पत्थर की जैसे वर्षा हो गई, कई लोग घायल हुए है।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने परियोजना का काम बाधित कर दिया और खदानों में ग्रामीणों के द्वारा तोड़ फोड़ भी की गई। ग्रामीण खदान स्थल पर पहुँच जोर दार नारेबाजी करते हुए खदान प्रबंधन के खिलाफ अपना रोष प्रकट करने लगें, देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई और ग्रामीणों ने खदान परिसर में तोड़फोड़ कर दी।
तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब अज़हर इस्लाम के निजी सुरक्षा कर्मियों (बॉडीगार्ड) और ग्रामीणों के बीच तीखी झड़प हो गई। दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक कहासुनी और धक्का-मुक्की होती रही।
ग्रामीणों का आरोप है कि खदान में अक्सर बिना किसी पूर्व सूचना के तेज़ ब्लास्टिंग की जाती है, जिससे घरों में दरारें आ गई हैं और लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। उन्होंने प्रशासन से खदान की जांच कराने और नुकसान की भरपाई (मुआवज़ा) की माँग की है। वहीं प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
अब प्रशासन मामलें में कार्रवाई “खाना पूर्ति” या “कड़ी कार्रवाई” के बीच कुछ भी कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा। वैसे तो कानून की नजर में सैद्धांतिक रूप से सभी व्यक्ति समान हैं, चाहे वे अमीर हों या गरीब। लेकिन, व्यवहार में यह देखा गया है कि धनवान लोगों के पास बेहतर कानूनी प्रतिनिधित्व होता है, जिसकी वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई होना मुश्किल हो जाता है।
