निजी स्कूल-कॉलेज की मान्यता लेने में अब CNT, SPT एक्ट का नहीं पड़ेगा अड़ंगा
- स्कूल-कॉलेज के जरूरी जमीन का भी रकबा होगा कम
- स्कूल शिक्षा विभाग तैयार कर रहा है प्रस्ताव
झारखण्ड/राँची : अब स्कूलों एवं इंटर कॉलेजों की प्रस्वीकृति (मान्यता) में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 तथा संताल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 बाधक नहीं बनेगा। जिन क्षेत्रों में दोनों अधिनियम प्रविधान लागू हैं, वहां किसी स्कूल या इंटरमीडिएट कॉलेज के नियंत्रण में निर्धारित रकबा में जमीन है तो उसे मान्यता मिल जााएगी, चाहे उस जमीन का निबंधन नहीं हुआ हो।
साथ ही अब स्कूलों एवं इंटरमीडिएट कॉलेजों के लिए आवश्यक जमीन का रकबा भी कम किया जा रहा है। राज्य सरकार इसे लेकर नियमावली में संशोधन करने जा रही है, जिसका प्रस्ताव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयार किया है।
वर्तमान में लागू झारखण्ड इंटरमीडिएट महाविद्यालय स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति (शर्त एवं बंधेज) नियमावली, 2005 तथा झारखंड माध्यमिक विद्यालय स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति (शर्त एवं बंधेज) नियमावली 2008 के तहत इंटर कॉलेजों एवं माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम दो एकड़ तथा शहरी क्षेत्रों में एक एकड़ जमीन विद्यालय के नाम से निबंधित तथा 30 वर्षों के निबंधित लीज पर होना अनिवार्य है।
अब इसमें संशोधन कर ग्रामीण क्षेत्राें में न्यूनतम एक एकड़ तथा शहरी क्षेत्र में 75 डिसमिल जमीन अनिवार्य किया जा रहा है। साथ ही दोनों अधिनियमों के अंतर्गत संबंधित क्षेत्रों में जमीन की खरीद बिक्री एवं निबंधित लीज प्रतिबंधित है अथवा कतिपय शर्तों के साथ जमीन की खरीद बिक्री एवं लीज का निबंधन होता है।
ऐसे क्षेत्रों में अवस्थित इंटरमीडिएट कॉलेजों एवं माध्यमिक विद्यालयों की चहारदीवारी के अंदर नियमावली के अंतर्गत निर्धारित रकबा में जमीन संबंधित इंटरमीडिएट कॉलेज या माध्यमिक विद्यालय के अधिकार क्षेत्र में होने पर भी उन्हें मान्यता मिल जाएगी। वहां जमीन की खरीद बिक्री तथा लीज निबंधन नहीं होने से संबंधित प्रमाणपत्र अंचलाधिकारी द्वारा दिया जाएगा।
झारखण्ड निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार नियमावली, 2019 के तहत प्रविधान है कि प्रारंभिक स्कूलों की स्थापना हेतु जमीन अनिवार्य रूप से स्कूल के नाम से निबंधित हो। जमीन का स्कूल के नाम से निबंधित सेल डीड की अनुपलब्धता की स्थिति में स्कूल के नाम से कम से कम 30 वर्षों का निबंधित लीज डीड होना अनिवार्य होगा।