DBL कंपनी के वादाखिलाफी, शोषणकारी मानसिकता एवं तानाशाही रवैया के विरोध में निकली गई जनाक्रोश रैली
- डीबीएल कंपनी की शोषणकारी मानसिकता बर्दाश्त नहीं : ट्रांसपोर्टर
झारखण्ड/पाकुड़ : ज़िले के अमड़ापाड़ा पचुवाड़ा सेंट्रल कोल ब्लॉक के एमडीओ डीबीएल कंपनी के खिलाफ आज अमड़ापाड़ा, पाकुड़ सहित पचुवाड़ा, पोखरिया, आलुबेड़ा के स्थानीय ट्रांसपोर्टर, वेंडर व स्थानीय बेरोजगार युवाओं के द्वारा डीबीएल कोल कंपनी के वादाखिलाफी एवं तानाशाही रवैया के विरोध में जनाक्रोश रैली निकाली गई, जिसमें आम लोगों का समर्थन भी मिला।
इस विशाल जनाक्रोश रैली में पाकुड़, अमड़ापाड़ा के स्थानीय ट्रांसपोर्टर, वेंडर स्थानीय बेरोजगार युवाओं सहित सैकड़ों लोग उपस्थिति में निकाली गई।
जनाक्रोश रैली में अमड़ापाड़ा स्तिथ दुर्गा मंदिर से डीबीएल कंपनी के कार्यालय गेट तक कंपनी के विरोध में नारे लगाते हुए जन आक्रोश रैली निकाला गया।
- क्या है मामला
ज्ञात हो कि स्थानीय ट्रांसपोर्टर, वेंडर व स्थानीय बेरोजगार युवाओं ने जनाक्रोश रैली से पूर्व डीबीएल कंपनी द्वारा वादाखिलाफी को लेकर डीसी व एसपी को ज्ञापन भी दिया था। स्थानीय ट्रांसपोर्टर व वेंडरों ने बताया कि हमलोगों को डीबीएल कंपनी के द्वारा वादा किया था कि आप लोगों को वर्क ट्रांसपोर्टिंग, वेंडर सहित अन्य काम दिया जाएगा। लेकिन कंपनी ने एक सिंगल आदमी को ट्रांसपोर्टिंग का काम देकर हमलोगों के साथ धोखा किया है। लेकिन कंपनी को हमलोग मनमानी करने नहीं देंगे। डीबीएल कोल कंपनी ने बाहरी व्यक्ति को काम दे दिया है जो सरासर सरकार के गाइडलाइंस के विरोध में कंपनी अपनी मनमानी कर रही है।
- सरकारी नियम एवं कानूनों का उल्लंघन कर रही कंपनी
आदिवासी बहुल पचुवाड़ा सेंट्रल कोल ब्लॉक में खनन कंपनी डीबीएल के द्वारा सरकारी नियम एवं कानूनों का उल्लंघन करते हुए पुलिस को धता बताते हुए साजिश के तहत स्थानीय लोगों को शोषण करने का काम किया जा रहा है। आपको बता दें कि पूर्व में डीडीसी ऑफिस के सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में डीबीएल कंपनी के प्रतिनिधि व ट्रांसपोर्टरों और पीएसपीसीएल के प्रतिनिधियों तथा स्थानीय लोगों की बैठक की गई थी, जिसमें डीबीएल कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा यह वादा किया गया था कि सभी पुराने 78 ट्रांसपोर्टरों का लंबित बकाया भुगतान 15 दिसंबर तक एकमुश्त कर दिया जाएगा एवं जो भी हमारे पुराने वर्कर है उसे प्राथमिकता देते हुए ट्रांसपोर्टिंग का कार्य आदेश देंगे।
पुलिस प्रशासन के समक्ष किए गए इस वादे और निर्णय के उपरांत हम सभी ट्रांसपोर्टरों ने अपने ट्रांसपोर्टिंग के नाम पर 2 दिसंबर से 20 दिसंबर तक आलूबेड़ा से लौटामारा रेलवे साइडिंग तक कोल परिवहन का कार्य किया है। जिसकी चालान भी हम लोगों के पास है।
कार्य आदेश और डीजल की मांग करने पर कंपनी ने अपने वादे से मुकरते हुए कहा कि हमारे ऊपर के मैनेजमेंट ने धनबाद के किसी एक खास व्यक्ति के नाम पर कार्य आदेश जारी किया है।
डीबीएल कंपनी के इस शोषणकारी मानसिकता से हम सभी पाकुड़ जिले वासी अत्यंत दुःखी, आक्रोशित और अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं : स्थानीय ग्रामीण
- कंपनी के झांसे में फँसे गए लोग
ध्यान देने योग्य बात है कि विगत सात वर्षों से बंद पड़े पुराना पचुवाड़ा सेंट्रल कोल माइंस को चालू करवाने के वक़्त सभी वादों में हाँ में हाँ मिलाने वाली कंपनी अब न सिर्फ स्थानीयों के रोजगार की अनदेखी कर रही है वरन बाहरी पूंजीपति को कार्य आदेश ज़ारी कर स्थानीयों को छलने का कार्य कर रही हैं।
- कौन थे उपस्थित
आज मौके पर पाकुड़ के सैकड़ो ट्रांसपोर्टर, पोखरिया, रांगा केवट टोला और अमड़ापाड़ा के सभी वेंडर और स्थानीय लोग मौजूद थे जिनमें संजय रजक, संतोष रजक, अमित कुमार सुमन भगत, जेपी भगत, मो. राजा, मो. सिठुल, पवन कुमार भगत, नीरज भगत, निखिल कुमार भगत, सरोज मंडल, राहुल भगत, सुमन भगत, संजू सिंह, मुखिया गयालाल देहरी, अनिल मुर्मू, सोनू भगत, विकास भगत, मो जावेद, राज किशोर चौधरी, विनीत भगत आदि मौजूद थे।