सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा का अलख जगा रहे सैकड़ों शिक्षक हुए बेरोजगार, काम न आया शिक्षा मंत्री का आश्वासन

http://thenews.org.in/121280

  • सेवा विस्तारीकरण की मांग हुई तेज़

झारखण्ड/राँची (आकाश भगत) :बेरोजगारी के मोर्चे पर झारखण्ड के लिए अच्छी खबर नहीं है। सूबे में बेरोजगारी दर में इजाफा देखने को मिला है, आंकड़ा 17.13 % पर पहुंच गया है। इस मामले में हमारा राज्य देशभर में तीसरे स्थान पर है यानी देश में तीसरी सबसे बड़ी बेरोजगारों की फौज झारखण्ड में ही है। श्रम, नियोजन और प्रशिक्षण विभाग ने भी इसे स्वीकार किया है।

 

 

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक ओर रोजगार सृजन योजना के नाम पर एक वर्ष में कुल 3976 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवा रही है तो वहीं दूसरी और लगभग 3000 से ज्यादा युवाओं का सेवा समाप्त कर बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर कर रही है।

 

जी हाँ, आपने सही सुना, हम बात कर रहे है सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अप्रैल 2017 में ILFS (जो अब SchoolNet) कंपनी के माध्यम से झारखण्ड के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा, पाकुड़, रामगढ़, साहेबगंज के कुल 257 विद्यालयों में क्रमशः 27, 08, 21,49 ,16, 16, 21, 32, 16,11, 11, 22 और 14 आईसीटी लैब अधिष्ठापन और लैब के संचालन हेतु स्कूल कोऑर्डिनेटर्स (कुल 257) की नियुक्ति पाँच वर्षों के लिए अनुबंध पर अप्रैल 2022 तक के लिए की गई थी।

 

 

अब अनुबंध समाप्ति होते ही लैब उपकरणों को संबंधित विद्यालय प्रधान/प्रभारी प्रधानाध्यापक को हस्तांतरित करने की चिट्ठी झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा जारी कर दी गई है। लेकिन जिस संपूर्ण परियोजना के संचालन में पाँच वर्षों तक आईसीटी कोऑर्डिनेटर्स की अथक और समर्पित सेवा जुड़ी रही, उन्हीं कर्मियों का जेईपीसी की चिट्ठी में उनकी सेवा का अग्रेत्तर विस्तारण तो दूर की बात, उनका उल्लेख तक न होना अत्यंत दुःख का विषय है।

 

 

केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत चयनित 465 सरकारी स्कूलों में अप्रैल 2017 से आईसीटी @ स्कूल योजना लागू की जा रही है। माध्यमिक/वरिष्ठ झारखंड के माध्यमिक विद्यालय। यह योजना बूट मॉडल में क्रियान्वित की जा रही है। दो एजेंसियां ​​(1) आईएल एंड एफएस एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड, मुंबई और (2) रिको इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली को पारदर्शी ई-प्रोक्योरमेंट पद्धति के माध्यम से चुना गया था और उनके साथ दिसंबर 2016 के महीने में स्कूलों में आईसीटी प्रयोगशालाओं की स्थापना और आवश्यक सेवाओं (जनशक्ति सेवाओं सहित) के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। जैसे प्रत्येक स्कूल के लिए स्कूल समन्वयक और प्रत्येक जिले के लिए जिला समन्वयक) आईसीटी सक्षम शिक्षा प्रदान करने के लिए। 208 स्कूल रिको इंडिया लिमिटेड को सौंपे गए हैं और बाकी 257 स्कूल आईएल एंड एफएस एजुकेशन लिमिटेड को सौंपे गए हैं।

 

 

अभी नए और पुराने सभी स्कूल कोऑर्डिनेटर की कुल मिलाकर संख्या 3000 से ज्यादा है। सभी के ऊपर सेवा समाप्ती की तलवार लटकी हुई है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार पुराने स्कूल कोऑर्डिनेटर की सेवा विस्तार करने के स्थान पर नए प्रोजेक्ट में ध्यान दे रही हैं। जिससे निराश होकर सभी कर्मी कल जेईपीसी का करेंगें घेराव। अगर कल भी कोई समाधान न मिला तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन कर सकते है सभी बेरोजगार कर्मी।

Report: Input

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed