यूक्रेन में फंसे छात्रों को लाने का प्लान तैयार, कभी खाड़ी युद्ध में फंसे 1.7 लाख लोगों के लिए चलाया गया था दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन

images - 2022-02-25T174003.304
यूक्रेन में 24 फरवरी को हुई घटनाओं ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। ताजा अपडेट के मुताबिक, रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में भी दाखिल हो गई है। इससे पहले आज कीव पर छह बार मिसाइल अटैक हुआ था। यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों की बड़ी आबादी के कारण संकट ऐसा है जिसे भारतीय नजरअंदाज नहीं कर सकते। इनमें अधिकतर युवा छात्र हैं।
भारत सरकार के 2020 के आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग 18,000 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। यूक्रेनी सरकार का अनुमान है कि 2019 में देश में 80,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्र थे जिनमें से लगभग एक चौथाई करीब 22.9 प्रतिशत भारतीय छात्रों की संख्या है। स्थिति बिगड़ने को देखते हुए भारतीय दूतावास लगातार भारतीय छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी करता रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत सरकार छात्रों का वहां से निकालने का हर संभव प्रयास कर रही है। भारतीय छात्रों को वापस लाने का पूरा प्लान भी मोदी सरकार की तरफ से तैयार कर लिया गया है। लेकिन बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब युद्ध के हालातों में छात्रों को रेस्क्यू कर लाने की कवायद की गई हो। इससे पहले खाड़ी युद्ध के दौरान भी भारत की तरफ से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को बचाकर सुरक्षित वतन वापस लाया गया था।

 

 

 

 

 

  • पौने दो लाख भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया
अगस्त 1990 से शुरू होकर फरवरी 1991 तक चलने वाला खाड़ी युद्ध एक अंतरराष्ट्रीय संघर्ष था। तानाशाह सद्दाम हुसैन ने 2 अगस्त 1990 को अपने दक्षिण-पूर्वी पड़ोसी कुवैत पर कब्जा कर लिया, जो आकार में 25 गुना छोटा था। हर तरफ हथियारबंद इराकी गार्डों को देख कुवैत के स्‍थानीय लोगों में दशहत तारी हो गई, इनमें भारतीय समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में थे। जब दो अगस्त 1990 को खाड़ी युद्ध शुरू हुआ तो वहाँ फँसे पौने दो लाख भारतीयों को सुरक्षित निकालना एक बड़ी चुनौती थी। एयर इंडिया की मदद से चलाया गया ये अभियान दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जाता इस बात के आज तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, उस अभियान को भारतीय विदेश मंत्रालय और कुवैत में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारियों का सामूहिक प्रयास माना गया था। इस बात के आज तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, उस अभियान को भारतीय विदेश मंत्रालय और कुवैत में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारियों का सामूहिक प्रयास माना गया था।

 

 

 

 

 

  • यूक्रेन से छात्रों को लाने का प्लान
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि पोलैंड और हंगरी के रास्ते भारतीय छात्रों को वापस स्वदेश लाया जाएगा। हंगरी में बने भारतीय दूतावास के अफसरों को यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने के काम में लगाया गया है। अफसरों को निर्देशित किया गया है कि वे यूक्रेन में भारतीय दूतावास के साथ तालमेल करके वहां फंसे भारतीयों को पोलैंड और हंगरी के रास्ते भारत लाने का काम शुरू करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed