भारत ने 36 राफेल के लिए चुकाए 8.7 अरब डॉलर, फ्रांस ने इंडोनेशिया को 8.1 में दिए 42 लड़ाकू विमान
अभी हाल ही में इंडोनेशिया ने फ्रांस से 42 राफेल विमानों की डील की है। 10 फरवरी 2022 को फ्रांस के रक्षा मंत्री ने इस डील का ऐलान किया है। इंडोनेशिया ने यह विमान डील 8.1 अरब डॉलर की की है। बता दें इससे पहले भारत ने 2016 में 36 विमानों के लिए 8.7 अरब डॉलर में डील की थी। यानी इंडोनेशिया से ज्यादा कीमत पर यह डील की गई है जिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय के अफसर ने 10 फरवरी को बताया कि दोनों देशों के बीच समझौते पर दस्तखत किए गए। अगले कुछ माह में पहले फेज के दौरान जकार्ता को 6 राफेल दिए जाएंगे। बाकी के 36 राफेल विमान अगले दौर में दिए जाएंगे। इनका हैंडओवर या तो इस साल के आखिर में किया जाएगा अगले साल की शुरुआत में।
इंडोनेशिया ने भी एक बयान में फ्रांस के साथ हुए समझौते पर दस्तखत की पुष्टि की है। यह समझौता भारत के बाद इंडोनेशिया को हिंद प्रशांत क्षेत्र में दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित विमान पर भरोसा करने वाला दूसरा देश बना देगा। इस डील के बाद साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र में इंडोनेशिया फ्रांस से हथियार खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बन जाएगा। फिलहाल उसका नंबर सिंगापुर के बाद है।
इस लड़ाकू विमान में हवा से जमीन में मार करने वाले स्कैल्प और हैमर मिसाइल के साथ मेटेअर मिसाइलों को पहले से ही शामिल किया जा चुका है। ये मिसाइलें रडार को चकमा देकर बच निकलने की क्षमता रखती हैं। यह विमान अंतिम समय तक टारगेट को भेजने में माहिर बताया जाता है।
आपको बता दें कि पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत आया था। इन विमानों को अंबाला में हुए एक कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। भारत ने 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस से 2016 में सौदा किया था। आपको बता दें अभी तक भारत को दसॉल्ट से कुल 26 लड़ाकू विमान मिल चुके हैं। बाकी की आपूर्ति 2022 में की जानी है।
फ्रांस विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट ने भारत को 36 राफेल फाइटर जेट बेचने का सौदा हासिल करने के लिए मिडिलमैन को लगभग 7.5 मिलीयन यूरो ( लगभग 650 मिलियन या 65 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। लेकिन भारतीय एजेंसियां दस्तावेज होने के बावजूद भी इसकी जांच करने में नाकाम रहीं। फ्रांस के पोर्टल MediaPart ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया तो भारत में भी हंगामा बरपा। रिपोर्ट के मुताबिक बिचौलिए सुशेन गुप्ता को गुप्त रूप से कमीशन का भुगतान किया गया। पोर्टल की रिपोर्ट बताती है कि इन दस्तावेजों के मौजूदगी के बाद भी भारतीय एजेंसियां चुप रहीं। सीबीआई और ईडी के पास 2018 से सबूत मौजूद हैं कि दसॉल्ट जेट की बिक्री के सौदे को हासिल करने के लिए सुशेन गुप्ता को घूस दी गई।
2019 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल विमान खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाकर पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला था। राहुल गांधी ने सार्वजनिक मंचों से चौकीदार चोर है तक के नारे लगवाए थे। कांग्रेस इस मामले में जेपीसी जांच की मांग करती रही लेकिन सरकार ने उसकी इस मांग को अनसुना कर दिया। राफेल मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा लेकिन उस वक्त सीजीआई रहे रंजन गोगोई ने याचिका खारिज कर दी और मामले में सरकार को क्लीन चिट दे दी।
