अंगिका समाज की बैठक में नियोजन नीति में अंगिका को शामिल किये जानें पर आभार व्यक्त किया
झारखण्ड/पाकुड़ : आज ज़िले में गुरुदेव कोचिंग सेन्टर परिसर में पाकुड़ अंगिका समाज की एक आवश्यक बैठक श्री भागीरथ तिवारी, अध्यक्ष की अध्यक्षता में आहूत की गई। मंच संचालन एवं विषय प्रवेश रामरंजन कुमार सिंह, जिला सह संथालपरगना प्रमंडल के संयोजक ने की।
उक्त बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि झारखण्ड सरकार ने नियोजन नीति में अंगिका को शामिल किया गया है, इस हेतु जिला की ओर से आभार व्यक्त करते हुए साधुवाद दिया गया। साथ ही मगही और भोजपुरी भाषा का तिरस्कार या विरोध का स्वर उभरने से चिन्ता व्यक्त किया। झारखण्ड में किसी भी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए।
निर्णय लिया गया कि निम्न माँगे पत्र द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष रखी जाय
1. सदियों पुरानी अंगिका भाषा को आठवीं सूची में अंकित करने हेतु प्रखंड स्तर से राज्य स्तर तक पोस्ट कार्ड, पत्र या सोशल मीडिया द्वारा केन्द्र सरकार से माँग की जाय।
2. अंगिका भाषा-भाषी की जनगणना कर राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एन.पी.आर.) में अंकित किया जाय।
उपर्युक्त दोनों विषयों हेतु माननीय विधायक, सांसद, माननीय मुख्यमंत्री, महामहीम राज्यपाल, माननीय प्रधानमंत्री एवं महामहीम राष्ट्रपति जी को ज्ञापन जिला के उपायुक्त के माध्यम से सौंपी जाय।
पाकुड़ जिले के अंगिका भाषा-भाषियों को संगठन में जागरुकता के साथ जोड़ने का आवाह्न् किया जाय।
प्रो. मनोहर कुमार ने कहा कि सदियों पुरानी हमारे अंगिका भाषा के सांस्कृतिक एवं सामाजिक विरासत को संरक्षित एवं सम्बर्धित करने का संकल्प लिया जाय।
उक्त बैठक में भागीरथ तिवारी, रामरंजन कुमार सिंह, युवा नेता हिसाबी राय, प्रो.मनोहर कुमार , स्वाती पाठक, सीमा कुमारी, मिथिलेश कुमार सिन्हा, राजीव राय, कुन्दन प्रसाद, रंजय कुमार राय, कैलाश झा, सहित अनेक लोगों ने सम्बोधित कर कहा कि झारखंड सरकार ने नौ क्षेत्रीय जनजातिय भाषा को पाठ्यक्रम में पढ़ा कर संरक्षित रख रही है, जो सही भी है लेकिन संथालपरगना के मुख्य क्षेत्रीय भाषा अंगिका को भी पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाना एवं नियोजन नीति में शामिल करना स्वागत योग्य कदम है।
अध्यक्षीय भाषण भागीरथ तिवारी जी के द्वारा दिया गया। अध्यक्ष की अनुमति से संयोजक के द्वारा धन्यवाद देकर सभा समाप्ति की घोषणा की गई।
