Lockdawn in India:देश में होगी फिर तालाबंदी? विशेषज्ञों से जानिए कोरोना की इस लहर से निपटने के लिए कितने तैयार हैं हम
 
                कोरोना के मामले देश में एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं।  बीते 24 घंटे में 1,94,720 मामले सामने आए हैं। कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते  प्रसार के बीच लोगों में डर तो है ही साथ में मन में एक  सवाल भी है क्या देश में लॉकडाउन फिर लगेगा। आपको बता दें देश के 7 राज्यों में R वैल्यू 3 के ऊपर है इन राज्यों में कोरोना का विस्फोट होना तय है। देश में एक बार फिर जिस तरह से कोरोना की भयावह स्थिति है उसे देखते हुए लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा है कि क्या देश तीसरे लॉकडाउन की ओर बढ़ चला है? क्या केंद्र सरकार की ओर से तीसरा लॉकडाउन लगया जाएगा?  कोरोना से लड़ाई में इस बार सरकार क्या तैयारी कर रही है?
कोरोना की तीसरी लहर
 गाजियाबाद स्थित यशोदा अस्पताल के एमडी डॉ पीएन अरोड़ा दैनिक जागरण से बात करते हुए कहते हैं कि देश में इस वक्त स्वास्थ का ढांचा कोरोना की पहली और दूसरी लहर के मुकाबिल बहुत मजबूत हुआ है। आज देश में करीब 18.3  लाख आइसोलेशन बेड हैं। इसके अलावा आईसीयू बेड की संख्या भी 1.24 लाख है, देश में 3,236 ऑक्सीजन के प्लांट हैं। इन प्लांट की क्षमता 3,783 मीट्रिक टन है। सरकार ने राज्यों को 1 ,14 लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटेर दिए हैं। अगर वैक्सीनेशन की ओर देखा जाए तो अब तक लोगों को 150 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। 64 फ़ीसदी आबादी को पहली डोज और 46 फीसदी लोगों को दोनों रोज लगाई जा चुकी है। इन सारे हालातों को देखते हुए ऐसा कम ही प्रतीत होता है कि सरकार कोई कठोर लॉकडाउन लगाएगी। हमें कोविड से बचाव की खातिर सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का कठोरता से पालन करना होगा।
अगर देश के दूसरे लॉकडाउन के फार्मूले पर चलें तो भारत में इसकी कितनी संभावना है। हालांकि इस बार हालात थोड़े अलग हैं। इस पर अरोड़ा कहते हैं कि कोरोना की रफ्तार भले तेज हो लेकिन राहत की बात यह है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का अनुपात दूसरी लहर के मुकाबले कम और धीमा है। उन्होंने कहा कि दूसरे लॉकडाउन के बाद देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता बहुत बड़ी है। अगर कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो बाकी राज्यों में पहले जैसा पैनिक नहीं है।
किन किन राज्यों ने लगाई है पाबंदियां?
आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए अब तक मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु के साथ-साथ और दूसरे राज्यों ने भी अपने यहां नाईट कर्फ्यू लगा दिया है। दिल्ली में स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। एमपी में भी स्कूल और कॉलेजों में 50 फीसदी उपस्थिति और कई दूसरी पाबंदियां लगाई गई हैं। यूपी में भी आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं और शादी समारोह में 200 लोगों को अनुमति दी गई है। गुजरात में स्कूल कॉलेज बंद नहीं किए गए लेकिन सार्वजनिक स्थानों में वैक्सीनेशन को अनिवार्य कर दिया गया है।
केंद्र सरकार के पहले के लॉकडाउन के फार्मूले पर नजर डालें और संक्रमण की रफ्तार को देखें तो कोरोना के संक्रमण की ऐसी रफ्तार पहले कभी नहीं  देखी गई। इसलिए अगर पहले वाले लॉकडाउन के फार्मूले पर बात करें तो केंद्र सरकार को लॉकडाउन लगा देना चाहिए। इससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। तीसरी लहर के दौरान 6 जनवरी तक कोरोना के केस डबल होने की रफ्तार 454 दिन पर आ गई, इस दौरान कोरोना के मामलों में 18 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई। सरकार की माने तो हालात अभी काबू में है। सरकार का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की आमद और संख्या दोनों अभी कम है।
                    
               
        
	            
 
                         
                       
                      