Special Protection Group | क्या कहता है SPG सुरक्षा एक्ट 1988, जिसके तहत मोदी सरकार पंजाब के अधिकारियों पर करेगी सीधी कार्रवाई
नई दिल्ली। साल की शुरूआत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब दौरा होना था। प्रधानमंत्री की 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में रैली होनी थी जिसके लिए  वह पंजाब तक हवाई मार्ग से गये और उसके बाद मौसम खराब होने के कारण उन्हें आगे सड़क मार्ग से ले जाया जा रहा था। रास्ते में पीएम का काफिला करीब 20 मिनट कर सड़क पर फंसा रहा क्योंकि कुछ ही दूरी पर कुछ प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे। प्रधानमंत्री का काफिला गुजरने के दौरान इस तरह की गतिविधि पीएम की सुरक्षा पर सेंध हैं क्योंकि जब भी पीएम का काफिला कहीं से गुजरता है तो वहां का प्रसाशन और पुलिस हाई अलर्ट पर होते हैं। पीएम का काफिला एसपीजी सुरक्षा के तहत ही गुजरता हैं। ऐसे में पीएम की गाड़ी का 20 मिनट तक सड़क पर फंसे रहना एक गंभीर विषय और प्रशासन की लापरवाही का दिखाता है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला इतना आगे बढ़ गया है सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इस मामले पर कोर्ट ने जांच कमिटी बनाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की जा रही हैं। साथ ही इस मामले से संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही भी की जा सकती हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पंजाब राज्य की सरकार  जो पीएम की सुरक्षा में हुई चूक को बिलकुल भी गंभीरता से नहीं ले रही हैं, वो अपने अधिकारियों पर कार्यवाही होने देगी? पंजाब एक बड़ा राज्य है और वहां के अधिकारियों पर केंद्र सरकार डायरेक्ट एक्शन नहीं ले सकती हैं। अधिकारियों पर एक्शन पंजाब सरकार ही ले सकती हैं ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कार्यवाही कैसे की जाएगी?  पंजाब सरकार के हस्ताक्षेप के बिना  स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) एक्ट 1988 के तहत कार्यवाही की जा सकती हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको SPG एक्ट 1988 के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। 
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SPG सुरक्षा क्या है?
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत सरकार की एक एजेंसी है जिसकी एकमात्र जिम्मेदारी भारत के प्रधान मंत्री की रक्षा करना है। इसका गठन 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया था। एसपीजी हर समय भारत और विदेशों में प्रधान मंत्री की सुरक्षा करता है, साथ ही साथ उनके आधिकारिक आवास पर उनके साथ रहने वाले प्रधान मंत्री के परिवार के सदस्यों की भी सुरक्षा करता है। हालाँकि, परिवार के सदस्य सुरक्षा से इनकार कर सकते हैं। एसपीजी के कार्य के अनुसार वह प्रधानमंत्री के माता-पिता, पत्नी (एसआईसी) और बच्चों को उनके पद की अवधि के दौरान और पद छोड़ने के पांच साल बाद तक भारत में कहीं भी रहने पर भी  सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) अधिनियम, 2019 ने ऐसे कार्यों को कम कर दिया। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकमात्र एसपीजी सुरक्षा प्राप्त हैं।
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पीएम की सुरक्षा में चूक मामले में  SPG कर सकता है कार्यवाही?
प्रधानमंत्री मोदी के फिरोजपुर दौरे से दो दिन पहले  SPG ने 3 जनवरी को पंजाब पुलिस को एक लेटर लिखा था। इस लेटर में एसपीजी की तरफ से होने वाले सभी तरह के खतरों का आशंका को बताया गया था। एसपीजी की तरफ से जारी किए गये लेटर में लिखा था कि SPG पंजाब पुलिस के DGP को इस बात को लेकर सावधान करती है कि जहां फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली होनी है वहां से पाकिस्तान की दूरी केवल 14-15 किलोमीटर ही दूर हैं। फिरोजपुर में पिछले काफी समय से ड्रोन से निगरानी करने की भी गतिविधियां बढ़ी हैं। साल 2021 में ड्रग्स-गांजा तस्करी के 59 मामले भी सामने आये हैं और 2 बम धमाके भी हो चुके हैं। ऐसे में पीएम का काफिला जब वहां से गुजरेगा तो काफी अलर्ट रहने की जरूरत हैं। SPG ने पंजाब पुलिस के DGP को सारे इंतजाम पहले से तैयार रखने के लिए कहा था और ये भी आशंका जताई थी कि इस दौरे पर फिरोजपुर जैसी घटना हो सकती है।
SPG के लेटर को किया गया नजरअंदाज 
 SPG ने जब इस तरह के खतरे की आशंका पहले ही जताई थी तब पंबाज के आधिकारी आखिर अलर्ट क्यों नहीं हुए? यह सवाल काफी गंभीर है और इसी आधार पर एसपीजी एक्ट 1988 के तहत बिना राज्य सरकार के हस्ताक्षेप के एसपीजी आधिकारियों पर कार्यवाही कर सकती हैं। आधिकारियों की लापरवाही या किसी भी तरह की पीएम की सुरक्षा को लेकर उनकी गलत मंशा अगर साबित हो जाती है तो एसपीजी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी।
क्या कहता है SPG एक्ट 1988?
SPG Act 1988 की धाका 14 कहती है कि जिस राज्य या प्रदेश में प्रधानमंत्री का दौरा होना है या किसी तरह की कोई यात्रा है और एसपीजी राज्य सरकार से या प्रशासन से पीएम की सुरक्षा के संदर्भ में किसी तरह कि कोई मदद मांगती है और वह मदद नहीं की जाती तो एसपीजी एक्ट के तहत अधिकारियों पर कार्यवाही की जा सकती है उनके दोषी सिद्ध होने के बाद। इस Act के तहत केंद्र सरकार को दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम, 1988 भारत के प्रधान मंत्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके तत्काल परिवारों के सदस्यों को निकट सुरक्षा प्रदान करने के लिए संघ के एक सशस्त्र बल के गठन और विनियमन के लिए प्रदान करता है। 5 जनवरी को हुई घटना के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी को फिरोजपुर यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच कर रही केंद्रीय टीम शुक्रवार को पंजाब शहर पहुंची, जबकि राज्य सरकार ने केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपकर कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है। 
कांग्रेस लाई थी SPG एक्ट
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर जिस एसपीजी की कार्यवाही पर कांग्रेस पार्टी सवाल उठा रही है। उसका गठन भी कांग्रेस ने ही किया था। दरअसल  जिस SPG एक्ट के तहत पंजाब पुलिस पर कार्रवाई हो सकती है, वो कानून कुछ मायनों में पंजाब की ही देन है। जब 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री की इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी तब पीएम की सुरक्षा को लेकर एक नयी तरह की स्पेशल फोर्स को बनाने पर फोकस किया गया था। इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी पीएम पद पर आये और उन्होंने 1985 में SPG का गठन किया। SPG पीएम और उनके परिवार सहित राष्ट्रपति को सुरक्षा प्रधान करेगी। 1991 में LTTE ने राजीव गांधी की हत्या कर दी और इसके बाद फिर एसपीजी के कार्यों में बदलाव किया गया और इसके कार्य क्षेत्र को और मजबूत कर दिया गया। पहले एसपीजी का यह कार्  था कि वह पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके पारिवार का पद छोड़ने के 10 साल बाद भी सुरक्षा करेगी लेकिन इसे मोदी सरकार ने घटातक 5 साल कर दिया। 
एसपीजी सदस्यों के कार्य क्या हैं?
एसपीजी के “सामान्य अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण” का प्रयोग भारत सरकार द्वारा किया जाता है। बल के प्रमुख, निदेशक, औपचारिक रूप से कैबिनेट सचिवालय में संयुक्त सचिव (सुरक्षा) के रूप में कार्य करते हैं और बल के “कमांड और पर्यवेक्षण” के लिए जिम्मेदार होते हैं। एसपीजी के निदेशक अपनी स्थापना के बाद से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी रहे हैं और आज, पुलिस महानिदेशक के पद पर हैं।
एसपीजी में शामिल अधिकारियों को सड़क, रेल, विमान, जलयान या पैदल या परिवहन के किसी अन्य साधन से यात्रा के दौरान नजदीकी तिमाहियों से सुरक्षा प्रदान करनी होती है और इसमें कार्यों, सगाई, निवास या पड़ाव के स्थान शामिल होंगे और इसमें रिंग राउंड शामिल होगा। टीम, आइसोलेशन कॉर्डन, आसपास के बाँझ क्षेत्र, और व्यक्ति या उसके तत्काल परिवार के सदस्यों के लिए रोस्ट्रम और अभिगम नियंत्रण। 

 
                         
                       
                      