जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ: जितेंद्र सिंह

जम्मू|  केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से लंबित जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के बाद से प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के मामले में एक बड़ा बदलाव अब जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है, जो सरकार के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र को दोहराता है और सभी के लिए न्याय, किसी का तुष्टीकरण नहीं के सिद्धांत में समाहित है।

पिछले साल 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर में 280 डीडीसी सीटों के लिए आठ चरणों में चुनाव हुए थे। ये चुनाव कुल 20 जिलों और प्रत्येक जिले में 14 सीटों के लिए हुए हैं।

कठुआ जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सुशासन सप्ताह पर आयोजित एक सम्मेलन में सिंह ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी है।

उन्होंने कहा कि देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति स्थापित की गई है, जो बिना किसी भेदभाव के ‘सभी के लिए समानता’ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शाहपुर कंडी बांध परियोजना में व्यक्तिगत रुचि ली और उनके हस्तक्षेप से ही इस परियोजना पर 45 साल बाद फिर से काम शुरू हुआ।

सिंह ने कहा कि शाहपुर-कंडी परियोजना, उत्तर भारत का पहला केबल-स्टे ब्रिज अटल सेतु, जम्मू-कश्मीर का कीरियन-गंड्याल में पहला अंतरराज्यीय पुल, लखनपुर-बनी-बसोहली-डोडा से छतरगला सुरंग के माध्यम से नया राष्ट्रीय राजमार्ग, केंद्र द्वारा वित्त पोषित सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों ने कठुआ को भारत के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में से एक के रूप में स्थापित किया है।

इस अवसर पर उन्होंने बसोली के राजकीय उच्च विद्यालय में आरएमएसए के तहत बनने वाले 100 बिस्तरों के कन्या छात्रावास सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

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