कृषि कानूनों को वापस लेने की ‘खीझ’ सांसदों पर निकाल रही केंद्र सरकार: बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने की खीझ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर निकाल रही है।
राज्यसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के 12 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बघेल ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया लेकिन इसे दिल से नहीं मजबूरी में वापस लिया गया। इसलिए, केंद्र सरकार खीझ सांसदों पर निकाल रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनको (सांसदों को) निलंबित करने का फैसला ठीक नहीं है।

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राज्यसभा के सभापति को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।’’
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के लिए, वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा भी शामिल हैं।
संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में हंगामे के दौरान धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के खिलाफ सोमवार को कार्रवाई की गई। संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक प्रस्तावित है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावित देशों से हवाई सेवा बंद करने की मांग की है।
बघेल ने कहा है कि जिन देशों से कोरोना वायरस के इस स्वरूप का संक्रमण फैल रहा है वहां से हवाई सेवाएं बंद होनी चाहिए। महामारी की शुरुआत में यदि केंद्र सरकार विदेश से आने वाले यात्रियों को रोक देती या हवाई अड्डा पर उतरने के बाद ऐसे यात्रियों को पृथक-वास में भेजने की व्यवस्था की जाती तो संक्रमण देश भर में नहीं फैलता।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस छोटी गलती के कारण इसका नुकसान पूरे देश का उठाना पड़ा। वही गलती फिर से न हो इसलिए हमने केंद्र सरकार से अपील की है कि उन देशों से यात्रियों को न आने दें और यदि आना जरूरी है तो उन्हें पृथक-वास में रखें।

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