दिन के उजाले में बेख़ौफ़ माफ़िया कर रहे कोयला तस्करी
- सरकार को हो रही राजस्व की हानि
झारखण्ड/पाकुड़ : ज़िला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद जिले में अवैध कोयले का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों के द्वारा पिछले एक सप्ताह में अवैध कोयले से लदा प्रतिदिन चार से पांच ट्रक सड़क पर पश्चिम बंगाल की ओर जाते देखे जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो लोकल लिंक और कुछ पुलिसवालों के सहयोग से यह काला खेल चल रहा है। कोयले की तस्करी में पुलिस व खनिज विभाग के बड़े अफसरों की भूमिका संदिग्ध है। तभी तो दिन के उजाले में कोल तस्कर अवैध कोयले से लदा ट्रक को सड़क पर सरपट दौड़ा रहे हैं। कोयला चोरी से जहां एक और झारखण्ड सरकार को करोड़ों का चूना लग रहा है।
सूत्रों के मुताबिक कोयले के इस खेल में जिस शख्स का हाथ है उसकी राजनीतिक गलियारों में अच्छी पहुंच है। इसलिए पुलिस के कार्रवाई के बावजूद यह खेल लगातार जारी है। पुलिस के लिए कोयला तस्करी पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती बन गई है।
- लगाम लगाने में विफ़ल पुलिस
पुलिस कोयला तस्करी पर लगाम नहीं लगा पा रही है। इससे पुलिस की किरकिरी हो रही है। अमड़ापाड़ा , लिट्टीपाड़ा और हिरणपुर उक्त सभी चेकनाका पर सवालिया निशान भी खड़े हो रहे हैं। वहीं पुलिस कोयला तस्करी से जुड़े लोगों की पहचान तक नहीं कर पा रही है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले हिरणपुर थाना क्षेत्र के महारो पुल के पास अवैध कोयला से लदा ट्रक के फसने के बाद रसूखदारों की मदद से तुरंत रात के अंधेरे में ही ट्रक को निकाला लिया गया था।
- इन रास्तों का होता है उपयोग
कोयला अमड़ापाड़ा से लिट्टीपाड़ा मुख्य मार्ग होते हुए ले जाया जाता है। लिट्टीपाड़ा मुख्य मार्ग से हिरणपुर होते हुए साहिबगंज जिले के कोटालपोखर होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर ले जाया जाता है।
: द न्यूज़ के लिए एहसान आलम की रिपोर्ट।