देवदूत बन कर आई हिमाचल पुलिस दस पर्वतारोहियों को जिंदा बचाया व तीन शव बरामद

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के सांगला घाटी में पर्वतारोहण के लिये मुंबई से आये तीन पर्वतारोही मारे गये हैं। जबकि इलाके में भारी बर्फबारी की वजह से फंसे दस पर्वतारोहियों को हिमाचल पुलिस के जवानों ने बचा लिया है। यह महाराष्ट्र के मुंबई के रहने वाले बताये जा रहे हैं। मारे गये पर्वतारोहियों के शवों को निकालने के लिये भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीम रवाना हो गई है।
 

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हिमाचल पुलिस के महानिदेशक संजय कुंडू के नेतृत्व में पुलिस ने इन दिनों खराब मौसम में फंसे कई लोगों को नई जिंदगी दी है। जिससे लोग संजय कुंडू की खूब तारीफ सोशल मीडिया में कर रहे हैं। संजय कुंडू एक ऐसी पुलिस अफसर हैं, जो दिन रात एक्टिव रहते हैं। व हर किसी को मदद पहुंचाने में कभी संकोच नहीं करते।  
 

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मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम किन्नौर पुलिस के नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली कि कुछ पर्वतारोही ब्रुआ कांडा में बर्फबारी के चलते फंसे हुए है जो की रोहड़ू से सांगला के लिए पर्वतारोहण कर रहे थे।  इस सूचना पर किन्नौर के पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद एक पुलिस बचाव दल  क्यू आर टी के 11 अधिकारी और पुलिस चौकी करछम से तीन अधिकारी ब्रुआ कांडा के लिए रवाना हुए जो रात को करीब 12.30 बजे शिविर स्थल पर पहुंचे, जहां चार पर्वतारोही मिले और उन्हें बचा लिया गया है।
दो घंटे रात में रास्ता तय करने के बाद, बचाव दल को अन्य 6 पर्वतारोही मिले, जिसमें एक व्यक्ति घायल और बेहोश पाया गया।  पुलिस टीम ने सभी को रेस्क्यू कर लिया है।
 

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जबकि तीन ट्रेकर्स की मौत हाइपोथर्मिया के कारण हुई है।  इलाके में रात में भारी बर्फबारी के कारण पुलिस बचाव दल उस स्थान पर नहीं पहुंच सका।  इन दस ट्रेकर्स को रिकांगपियो अस्पताल लाया जा रहा है।  मौके पर एंबुलेंस भी भेजी गई है, जहां से बचाए गए लोगों को सड़क पर लाया जा रहा है।  आज तीन मृत व्यक्तियों को लाने के लिए आईटीबीपी की एक बचाव टीम को इलाके में भेजा गया है।

 

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 समूह में कुल 13 ट्रेकर्स थे।  जिनमें मुंबई के 12 और दिल्ली का एक है।  सभी तीन मृतक व्यक्ति मुंबई (महाराष्ट्र) के हैं। पुलिस टीम ने लगातार 24 घंटे तक अपनी जान की परवाह किए बिना विषम परिस्थितियों में इस बचाव अभियान को अंजाम दिया। पुलिस टीम के इस साहसिक कार्य के कारण इन दस लोगों को बचाया जा सका।

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