‘ब्रेन-डेड’ युवक ने चार लोगों को दी नयी जिंदगी, हंसते-हंसते कबूल की मौत
नागपुर। अंग दान वह प्रक्रिया है जब कोई व्यक्ति अपने स्वयं के अंग को हटाने और किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्यारोपित करने की अनुमति देता है, कानूनी तौर पर, या तो सहमति से। इसके अलावा जब कोई व्यक्ति मृत हो जाता है तो उनके परिवार वाले भी अंग दान करने की इजाजत दे सकते हैं। यह एक महान प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति मरने के बाद कई जिंदगियों को बचा सकता है।
स्वस्थ प्रत्यारोपण योग्य अंगों और ऊतकों को किसी अन्य व्यक्ति में प्रत्यारोपित करने के लिए दान किया जा सकता है। आम प्रत्यारोपण में गुर्दे, हृदय, यकृत, अग्न्याशय, आंत, फेफड़े, हड्डियां, अस्थि मज्जा, त्वचा और कॉर्निया शामिल हैं। कुछ अंगों और ऊतकों को जीवित दाताओं द्वारा दान किया जा सकता है, जैसे कि गुर्दा या यकृत का हिस्सा, अग्न्याशय का हिस्सा, फेफड़े का हिस्सा या आंतों का हिस्सा, लेकिन अधिकांश दान दाता की मृत्यु के बाद होता है।
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इस जानकारी को देने के बाद हम आपको बताते है कि ऐसे बहुत से लोग है जो अपने अंगों को दान कर देते हैं ताजा उदाहरण के तौर पर आपको बताते हैं कि महाराष्ट्र में नागपुर के एक निजी अस्पताल में ‘ब्रेन-डेड’ घोषित किए गए 27 वर्षीय व्यक्ति ने चार मरीजों को नया जीवन दिया है। उसके परिवार ने मरीज के कई अंग दान किए थे।
‘ब्रेन-डेड’ ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति का मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है।
शहर के एक निजी अस्पताल द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के बेतुल निवासी एक व्यक्ति को एक दुर्घटना के बाद 16 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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काफी कोशिशों के बाद भी उसकी जान बचाई नहीं जा सकी और उसे बुधवार रात को ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया।
विज्ञप्ति के अनुसार, कई बार समझाने के बाद उसके परिवार के सदस्यों को उसके अंग दान करने के लिए राजी कर लिया गया ताकि चार अन्य लोगों की जान बचायी जा सके।
मरीज का हृदय विमान से मुंबई ले जाया गया और उसके यकृत एवं गुर्दों को शहर में अन्य निजी अस्पतालों को दिया गया। मुंबई से आए चिकित्सकों के एक दल ने हृदय का प्रतिरोपण किया।
