तालिबान को लेकर सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्ले तक में बहस, इधर योगी इतिहास को ही बदलने में लगे हैं
अफगानिस्तान दर्द से तड़प रहे हैं और बंदूक के दम पर तालिबानी आतंकी आवाम के हक और हकूक को रौंद रहे हैं। बर्बरता और निर्मम तरीके से कत्लेआम कर अपनी सत्ता कायम करने वाले मुगलों के कुकृत्यों की बानगी वर्तमान दौर में अफगानिस्तान में देखी जा सकती है। मुगलों ने भारत में आक्रमण कर हिन्दुओं का उत्पीडन हिन्दुओं के शोषण, जबरन धर्मपरिवर्तन, सामूहिक नरसहांर करने के साथ ही मंदिरों के विध्वंस के साथ ही शहरों के भी नाम बदले। तालिबान को लेकर सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्ले तक में बहस होने लगी है। तालिबान जैसे संगठन के सत्ता पर कब्जे की कोशिश गंभीर चिंता का मुद्दा होना चाहिये, लेकिन देश के भीतर भी तालिबान को लेकर पक्ष और विरोधी गुट बनने लगा है। तमाम बातों से बेपरवाह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इतिहास को दुरुस्त करने में लगे हैं। शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है। लगता है उनकी इस बात को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता ले लिया है। तभी तो एक के बाद एक शहरों के नाम बदलने का सिलसिला, योगी राज में बदस्तूर जारी है।
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मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि गुलामी की मानसिकता वाले प्रतीक चिन्हों का प्रदेश में कोई स्थान नहीं होगा। आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से नाम बदलने की प्रथा देखी गई है। चाहे शहर की बात हो या किसी जगह की, योगी सरकार ने नाम बदलने में कोई हिचक नहीं दिखाई। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने से शुरू हुआ यह कल्चर शहरों के नाम तक पहुंच गया। कुछ शहरों के नाम बदल दिए गए हैं, जिसके बाद कुछ के नाम बदलने की डिमांड की जा रही है। आगरा मंडल की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम करने का फैसला किया।
मुगलसराय से हुई शुरुआत: 2017 में यूपी की सत्ता मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में यूपी में सबसे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम बदला गया। योगी सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अगस्त 2018 में मुगलसराय स्टेशन पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन बन गया।
इलाहाबाद बना प्रयागराज: अक्टूबर 2018 में योगी सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया था। शहर का नाम बदलकर अब प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए।
फैजाबाद से अयोध्या: राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले ही योगी सरकार ने अयोध्या को पूरी तरह बदलने का काम शुरू कर दिया। योगी सरकार ने फैजाबाद जिले का नाम भी अयोध्या कर दिया।
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अब इन तीन जिलों के नाम बदलने की कवायद
राज्य के तीन ज़िलों अलीगढ़, फ़िरोज़ाबाद और मैनपुरी के नाम बदलने को लेकर हलचल तेज हो गई है। कांच की चूड़ियों के लिए मशहूर फ़िरोज़ाबाद का नाम चंद्रनगर करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। ज़िला पंचायत बोर्ड की बैठक में इस बात का प्रस्ताव पास भी हो गया है। अलीगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव पास हो गया है। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पास किया गया है। प्रस्ताव को जिला पंचायत ने शासन को भेज दिया है। अलीगढ़ का नाम बदले जाने की मांग वर्षों पुरानी है। कल्याण सिंह ने साल 1992 में सीएम पद पर रहते हुए इसका नाम हरिगढ़ करने की कोशिश की थी। लेकिन उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी। इसलिए उनकी कोशिशें सफल नहीं हो सकी थी। यूपी के पूर्व सीएम और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी का नाम बदलने को लेकर भी बीजेपी एक्टिव है। मैनपुरी का नाम मयन नगरी करने को लेकर ज़िला पंचायत की बैठक में प्रस्ताव को ध्वनि मत से पास किया गया। अब ये सारे प्रस्ताव मुख्यमंत्री ऑफिस भेजे दिए गए हैं। अब योगी को इस मामले में आख़िरी फ़ैसला लेना है।
झांसी रेलवे स्टेशन का नाम होगा वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की तैयारी में है। झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। योगी सरकार झांसी स्टेशन का नाम ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ करना चाहती है। यूपी सरकार ने गृह मंत्रालय को ये सिफारिश भेजी है।
बहरहाल, शहरों की एक लंबी सूची है जिसका नाम बदलने की मांग उठ रही है। जिसमें आगरा को अग्रवन, आजमगढ़ को आर्यमगढ़, गाजीपुर को गाधिपुरी, सुल्तानपुर को कुशभवनपुर करने की की चर्चा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में अकबर के नाम पर 251 गांवों और कस्बों के नाम हैं। जो सभी मुगल शासकों में सार्वाधिक है। उसके बाद औरंगजेब के नाम पर 177, जहांगीर के नाम पर 141, शाहजहां के नाम पर 63, बाबर के नाम पर 41 और हुमांयू के नाम पर 11 जगहों के नाम है। आक्रांता केवल किसी राष्ट्र के पद आक्रांत नहीं करते बल्कि विजित समाज के गौरव और आत्माभिमान को गहरायी से कुचलते हैं।
