काबुल हवाई अड्डे की तस्वीरें मुझे कंधार भयावह कांड की याद दिलाती है: आईसी 814 पायलट
नयी दिल्ली।इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 के कप्तान रहे देवी सरन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों की काबुल हवाई अड्डे की तस्वीरें उन्हें 22 साल पहले की भयावहता की याद दिलाती हैं।
सरन (59) ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ यह ऐसा लग रहा है जैसे मैं 22 साल पीछे चला गया हूं। बीस साल से अधिक समय बीत गया लेकिन (आज की) तस्वीरें वैसी ही हैं।’’
सरन इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 के कप्तान थे जिसे दिसंबर, 1999 में अपहरण करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था।
सामने आयी विभिन्न तस्वीरों एवं वीडियो में काबुल हवाई अड्डे के अंदर और बाहर लोगों की भारी भीड़ देखी जा सकती है जो तालिबान से बचने के लिए रनवे पर विमान में सवार होने के लिए आपाधापी कर रही है। रविवार को तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था।
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उन्होंने कहा, ‘‘ फर्क सिर्फ इतना है कि कंधार में उस वक्त बस हम लोग थे लेकिन अब आप (काबुल) हवाई अड्डे पर भीड़ देख सकते हैं। लेकिन निश्चित ही वे लोग बाहर आने के लिए आतुर हैं जैसे हम निकलना चाहते थे।’’
आईसी 814 उड़ान 179 यात्रियों एवं चालक दल के 11 सदस्यों को लेकर 24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से नयी दिल्ली आ रही थी लेकिन उसे पाकिस्तानी आतंकवादियो ने अगवा कर लिया और वे उसे तालिबान के नियंत्रण वाले कंधार ले गये।
सरन उस आईसी 814 उड़ान के कप्तान, राजिंद्र कुमार प्रथम अधिकारी एवं अनिल कुमार जग्गियां फ्लाइट इंजीनियर थे।
अपहर्ताओं ने रूपिन कत्याल नामक एक यात्री को मार डाला था एवं वे बंधकों को छोडने के बदले में 31 दिसंबर, 1999 को भारतीय जेलों से आतंकवादियों– मसूद अजहर अल्वी, सैयद उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा करााने में कामयाब हो गये थे।
शुक्रवार को सरन ने कहा, ‘‘ मुझे तस्वीरें उन दिनों जैसी लगीं। निश्चित ही , ये हमें उस वक्त की भयावह स्थिति की याद दिलाती है।