प्रशासन जल्दी विसर्जन का दबाव दे रहा था, तभी शुरू हो गया बवाल, उसके बाद लाठीचार्ज-फायरिंग
मुंगेर में बहुत तनाव है। 28 अक्टूबर को यहां भी प्रथम चरण का चुनाव होना है लेकिन इसके पहले 26 तारीख को आधी रात के समय बवाल हो गया। सोमवार की रात दुर्गा विसर्जन के समय फायरिंग में अमरनाथ पोद्दार के पुत्र अनुराग पोद्दार की मौत हो गई। पुलिस और पब्लिक की तरफ से कई लोग घायल हैं। लोगों में गुस्सा भड़का हुआ है। प्रशासन समाज के प्रबुद्ध लोगों और एक्टिविस्टों के साथ बैठक कर स्थिति काबू में करने की कोशिश में लगा है।
प्रतिमा को कंधा देने गया था अनुराग
मुंगेर और आसपास के लोग हर साल बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा को विसर्जन के समय कंधा देने जाते हैं। अनुराग भी मां दुर्गा को कंधा देने देर रात 11 बजे गया था लेकिन उसकी मौत हो गई। उसके लोहापट्टी स्थित घर में कोहराम मचा हुआ है। तीन भाइयों पर वह इकलौता भाई था। बताया जा रहा है कि गोली से कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। लगभग दर्जन भर लोग इसलिए रात से परेशान हैं कि उसके बच्चे अभी तक घर नहीं लौटे हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस ने कई लोगों की गिरफ्तारी भी की है।
मुंगेर का विसर्जन मेला प्रसिद्ध है
मुंगेर का दुर्गा विसर्जन मेला काफी प्रसिद्ध है। यहां जमालपुर से मुंगेर तक लगभग 10 कि.मी. का मेला लगता है। इसको देखने मुंगेर से बाहर के लोग भी आते हैं और रात भर लगभग दो दिनों तक यह मेला लगा रहता है। प्रशासन पर 28 को प्रथम चरण के चुनाव और 26 तारीख को विसर्जन को लेकर बहुत प्रेशर था। तय यह हुआ था कि 26 तारीख को 11 बजे दिन में बड़ी दुर्गा महारानी को विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा लेकिन प्रतिमा शाम के चार बजे उठी। परंपरा अनुसार हर साल कहार ही बड़ी दुर्गा महारानी को विसर्जन के लिए उठाते हैं और बाकी लोग उसमें सहयोग करते हैं।
लोगों से उठ ही नहीं रही थी बड़ी महारानी की प्रतिमा
26 तारीख को भी कहारों ने माता की प्रतिमा को उठाया। लोगों में चर्चा है कि बाटा चौक के पास प्रतिमा को रखा गया तो उसके बाद प्रतिमा उठ ही नहीं रही थी। कहारों सहित दर्जनों लोग उठाने में लगे पर प्रतिमा नहीं उठी। लोगों में अफवाह फैल गई तो मां अभी जाना नहीं चाह रही हैं। दूसरी तरफ प्रशासन जल्द से जल्द प्रतिमा उठाने और आगे बढ़ने पर जोर दे रहा था। इसी समय पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई। पुलिस की मानें तो लोगों ने पथराव कर दिया लेकिन लोगों का कहना है कि पुलिस ने जबर्दस्त लाठीचार्ज किया है। बड़ी दुर्गा महारानी की मूर्ति के सामने लोगों को लाठियों से हौंक दिया गया। जिस युवक की मौत गोली लगने से हुई है उसे देखकर साफ लगता है कि गोली काफी नजदीक से मारी गई है। उसकी एक आंख बाहर की तरफ आ गई और सिर फट गया। लोगों ने बताया कि लाठीचार्ज करने वालों में स्थानीय पुलिस की जगह चुनाव डयूटी के लिए बुलाए गए जवान थे। जिन लोगों के बच्चे अभी तक वापस नहीं आए हैं वे थानों के चक्कर लगा रहे हैं। पुलिस लगातार लगी हुई है कि लोगों के गुस्से को कैसे शांत किया जाए। पुलिस के सामने शांतिपूर्ण चुनाव कराने की चुनौती भी अब कई गुणा ज्यादा बढ़ गई है।