भाजपा से जनता की नाराजगी देखकर लगता है समाजवादी पार्टी 400 सीटें जीतेगी : अखिलेश

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भाजपा से जनता की नाराजगी देखकर लगता है समाजवादी पार्टी 400 सीटें जीतेगी : अखिलेश

लखनऊ/कन्नौज। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से उत्तर प्रदेश के लोगों की नाराजगी देखकर लगता है कि उनकी पार्टी को अगले विधानसभा चुनावों में 400 सीटें मिलेंगी।
भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ साइकिल यात्रा शुरू करने से पहले संवाददाता सम्मेलन में सपा अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘सरकार हर मुद्दे पर नाकाम है। अभी तक हम 350 बोलते थे लेकिन जनता के बीच जैसी नाराजगी है, हो सकता है हम 400 सीटें जीत जाएं। आज स्थिति ऐसी है कि भाजपा के पास प्रत्याशी कम पड़ जाएंगे।’’

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अखिलेश ने कहा कि पिछले रविवार को मिर्जापुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक रैली में कहा कि प्रदेश सरकार ने 2017 के चुनावी घोषणापत्र में किए गए सभी वादे पूरे किए हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा ने अभी तक अपना घोषणापत्र खोलकर भी नहीं देखा है।
भाजपा पर राजनीति को जनसेवा नहीं बल्कि कारोबार का जरिया बनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लोग ‘मेनिफेस्टो’ नहीं बल्कि ‘मनीफेस्टो’ बनाते हैं। उनके लिए राजनीति व्यापार है। भाजपा का धोखा जनता ने देख लिया है। भाजपा की कोई काम करने की संस्कृति नहीं है अगर रही होती तो शायद कुछ काम भी किए होते।’’
विपक्ष के डीएनए पर सवाल उठा रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘योगी जी न जाने किस बायोलॉजिस्ट से मिले मगर उन्हें डीएनए का फुल फॉर्म नहीं मालूम होगा। पिछले साढ़े चार साल में आपने मुख्यमंत्री को यह कहते नहीं सुना होगा कि उन्होंने आज तक कितने सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट पूरे किये।’’
उन्होंने योगी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भाजपा के संकल्प पत्र में सबसे पहला वादा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का था लेकिन आज सरकार को यह भी नहीं पता है कि किसानों की आय कितनी है।

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आज उत्तर प्रदेश का किसान जानना चाहता है कि जिस तरीके से पहले कानून आ गए हैं, मंडिया बंद हो गई हैं, क्या किसानों की आय दोगुनी हुई है। जिस जनता ने भाजपा पर भरोसा किया उसी जनता की आज वह जासूसी कर रही है।’’
अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ नीत सरकार पर कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की जान बचाने में पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन ने जनता को धोखा दिया और बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई।
संबोधन के बाद अखिलेश राजधानी लखनऊ की सड़कों पर करीब साढ़े छह किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर निकले।
साइकिल सपा का चुनाव निशान भी है। सपा अक्टूबर में प्रदेश के सभी 75 जिलों में रथयात्रा निकालने की योजना बना रही है। पार्टी ने हाल ही में राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की श्रृंखला शुरू की थी। इन बैठकों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के नामों पर भी चर्चा हुई थी।
इसबीच कन्नौज से मिली सूचना के अनुसार, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव ने सपा द्वारा आयोजित साइकिल रैली को रवाना किया।
इस मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डिंपल ने कहा कि भाजपा सरकार विकास विरोधी है। जब से भाजपा सरकार बनी है, कन्नौज संसदीय क्षेत्र में सपा सरकार द्वारा शुरू किए गए विकास कार्य ठप हो गए। तमाम परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं जिनके लिए सरकार ने पैसा नहीं दिया।
डिंपल ने आरोप लगाया कि प्रदेश की योगी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है। कोरोना काल मे मरीज ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे, तो उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली। दवायें नहीं मिलीं और सबसे ज्यादा खराब हालत तब हुई जब अनगिनत शव गंगा की रेती में दफनाये गये। लाशें गंगा में तैरती रहीं और उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है लेकिन समाजवादियों ने हमेशा जनता के लिए संघर्ष किया है और इस बार भी जनता ही भाजपा सरकार को सबक सिखाएगी।
इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने समाजवाद के प्रणेता जनेश्वर मिश्र की जयंती पर बृहस्पतिवार को साइकिल यात्रा निकाल रही सपा पर निशाना साधा।
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘दिवंगत जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उनके नाम पर लखनऊ में जो पार्क है उसे बसपा सरकार ने बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अम्बेडकर के नाम पर बनाया, मगर सपा सरकार ने जातिवादी सोच एवं द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों आदि की तरह बदल दिया, यह कैसा सम्मान?’’
उधर, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने भी कहा कि अखिलेश यादव पिछले चार साल से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं और इस दौरान वह कभी जनता के मुद्दों को लेकर सड़क पर नजर नहीं आए। अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख उन्होंने सक्रियता दिखाई है लेकिन चुनाव में उनकी पार्टी को इसका कोई फायदा नहीं होगा।

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