सरकार के प्रत्यार्पण एवं पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर देशी राईफल के साथ नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

ये वर्ष 2014 से वर्ष 2021 तक दस्ता में रहे। इनके द्वारा दस्ता में रहने के दौरान निम्नलिखित घटना कारित की गयी :-
1. वर्ष 2016 में काठीकुण्ड थानान्तर्गत ग्राम- ग्राम बसकिया पहाड़ में प्रतिबन्धित भा०कपा (माओवादी) उग्रवादियों द्वारा असंवैधानिक तरीक से नाजायज़ मजमा बनाकर एंव विस्फोटक पदार्थ को छुपाकर रखा गया था, जिसे बरामद किया गया था। इस घटना में ये संलिप्त रहे हैं। (काठीकुण्ड थाना काण्ड सं0-41/16, दि0-07.07.2016)
2. वर्ष 2016 जून माह में ग्राम-आमपाड़ा में प्राथमिकी अभियुक्तों द्वारा षडयंत्र रचकर लेवी नहीं देने के कारण माओवादी/उग्रवादियों को गाँव में बुलाकर जानलेवा हमला कराने का प्रयास करना तथा अवैध देशी आग्नेयास्त्र एंव गोली बरामद होने से संबंधित घटना में ये नक्सली संलिप्त रहे है। (रामगढ़ थाना काण्ड सं0-43/16 दिनांक-19.06.2016)
ये वर्ष 2014 से 2021 तक दुमका एवं संथाल परगना के अन्य जिलों में सक्रिय रहे है।ये जोनल कमाण्डर विजय दा उर्फ नन्दलाल मांझी (सैक सदस्य) एवं जोनल कमिटी सदस्य ताला दा के दस्ता के साथ क्षेत्र में भ्रमणशील रहे हैं।
उक्त नक्सली को झारखण्ड सरकार के प्रत्यार्पण एवं पुर्नवास योजना के अन्तर्गत पुलिस अनुदान स्वरूप तत्काल 1,00,000 (एक लाख) रूपये व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था, प्रत्यार्पण एवं पुर्नवास नीति के तहत् अन्य सुविधायें दी जाएगी। उक्त उग्रवादी के विरूद्ध लंबित अपराधिक मामलों में मुकदमा लड़ने हेतु सरकार की ओर से निःशुल्क वकील की व्यवस्था की जाएगी।