हिमाचल की खबरें: स्वास्थ्य अधोसंरचना की मजबूती के लिए 24110.40 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित

हिमाचल की खबरें: स्वास्थ्य अधोसंरचना की मजबूती के लिए 24110.40 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित

शिमला। कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने और स्वास्थ्य संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति ने 24110.40 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में कोविड पॉजिटिव मामलों के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की खरीद, बफर स्टॉक के रखरखाव और आवश्यक दवाओं के प्रबंधन के लिए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं और निदेशक, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को 12 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। 

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उन्होंने कहा कि लाहौल और स्पीति और किन्नौर जिलों के लिए 32 बिस्तरों वाली एक समर्पित बाल चिकित्सा देखभाल इकाई का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, कुल्लू, सोलन, ऊना, जोनल अस्पताल मंडी, धर्मशाला और शिमला, आईजीएमसी शिमला, मेडिकल काॅलेज और अस्पताल मंडी, टांडा, नाहन, चंबा और हमीरपुर के लिए 42 बिस्तरों वाली बाल चिकित्सा देखभाल इकाई की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। सिविल अस्पताल काजा, पांगी, उदयपुर, डोडरा, भरमौर, शिलाई, कुपवी, नेरवा और पूह में 20 बिस्तरों वाली इकाइयां प्रस्तावित की गईं हैं। यह भी निर्णय लिया गया है कि शिमला, मंडी, टांडा, नाहन, चंबा और हमीरपुर मेडिकल काॅलेजों में 20 अतिरिक्त आईसीयू बिस्तर स्थापित किए जाएंगे।

इसके अलावा, नागरिक अस्पताल देहरा, चैपाल, सरकाघाट, करसोग, अर्की, बगश्याड़, घुमारवीं, डलहौजी, चुवाड़ी, सराहन और पांवटा साहिब में पांच बिस्तरों वाले आईसीयू भी स्थापित किए जाएंगे। इंदौरा, हमीरपुर और नाहन में 100 बिस्तरों वाले फील्ड अस्पताल प्रस्तावित किए गए हैं। इन गतिविधियों के लिए 11935.39 लाख रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि आॅक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1280 लाख रुपये का प्रस्ताव किया गया है। नाहन, हमीरपुर, धर्मशाला, ऊना, कुल्लू, बिलासपुर, सोलन, पालमपुर, खनेरी, चंबा, किन्नौर और रिकोंगपियो में 10 किलो लीटर क्षमता के लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है। आईजीएमसी शिमला, नेरचैक और चम्याना में 20 किलोलीटर क्षमता के एलएमओ की यूनिट प्रस्तावित की गई है। सरकाघाट और देहरा के लिए भी एलएमओ प्रस्तावित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य ने पीजी रेजीडेंट्य, यूजी इंटर्न और एमबीबीएस, जीएनएम और बी.एससी विद्यार्थियों को शामिल करे अतिक्ति मानव संसाधन की उपलब्धता बढ़ाने का प्रस्ताव भी दिया है। इसके लिए 2294.10 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य के सभी 12 जिला अस्पतालों, 36 नागरिक अस्पतालों, आईजीएमसी शिमला की तीन इकाइयों-आईजीएमसी शिमला, केएनएच और चम्याना सहित दो मेडिकल कॉलेजों में ई-अस्पतालों को कार्यान्वित करने के लिए 1428.04 लाख रुपये का प्रस्ताव किया गया है। 

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राज्य में टेली-मेडिसिन को मजबूत करने की दृष्टि से, मेडिकल कॉलेजों में दो अतिरिक्त हब बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके लिए 43.42 लाख रुपये का प्रस्ताव किया गया है। बाल चिकित्सा कोविड-19 प्रबंधन, आईटी हस्तक्षेप और व्यवसासियों के सीएमई पर क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए 96.94 लाख रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है। इन प्रस्तावों को मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेजा गया है।

हर 15 दिन में दें प्रगति रिपोर्ट: सुरेश भारद्वाज

शिमला 30 जुलाई00शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज सचिवालय में शिमला स्मार्ट सिटी, वन, लोक निर्माण, केंद्रीय लोक निर्माण और अन्य भागीदार विभागों की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में वन विभाग की स्वीकृति न मिलने से स्मार्ट सिटी के लम्बित कार्यों को लेकर चर्चा हुई। शिमला स्मार्ट सिटी के 6 कार्यों के लिए वन विभाग की स्वीकृति की आवश्यकता है और 10 प्रकल्पों में पेड़ काटने की अनुमति मांगी गयी है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी का लक्ष्य शिमला शहर को विकसित करना और आधुनिक बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन से सम्बन्धित मामलों को शीघ्र निपटाया जाए और औपचारिकताएं भी समयबद्ध पूरी की जाएं। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि अब वन स्वीकृति के लिए देहरादून कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। शिमला में कार्यालय खुलने से इन मामलों के निदान में तेजी लाई जानी चाहिए। 

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उन्होंने विभागों से मामलों को सम्बंधित विभाग के साथ समयबद्ध उठाने, कार्य शीघ्र पूरा करने और हर 15 दिन के बाद उन्हें प्रगति रिपोर्ट प्रदान करने के निर्देश दिए। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि रिज की मरम्मत, लक्कर बाजार से रिज के लिए एसकेलेटर, संजौली से आईजीएमसी के लिए स्मार्ट पाथ शहर के विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि सभी सम्बंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर शीघ्र कार्य आरम्भ करें।

बैठक में शहरी विकास विभाग के निदेशक मनमोहन शर्मा, स्मार्ट सिटी शिमला के महाप्रबंधक तकनीकी नितिन गर्ग, वन विभाग, नगर निगम व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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