‘बिज़ली रानी’ के नहीं थम रहे नख़रे, आम जनता का हाल बेहाल
- अंधेर नगरी चौपट राजा
झारखण्ड/पाकुड़ (संवाददाता, एहसान आलम) : आज हम एक ऐसे जन मुद्दे की बात करने जा रहे है जिससे सभी तबक़े के लोग परेशान है। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही अंदाज़ा लगाया हम बात कर रहे है ‘बिज़ली रानी’ की।

- आम जनता से खफ़ा है बिज़ली रानी
वर्तमान में उमस का दौर है, ऐसे में लोगों को बिजली बंद होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय में उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है। तापमान बढ़ने से लोग गर्मी से परेशान हैं। एसी, कूलर व पंखों का सहारा ले रहे हैं। अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष बिजली की खपत बढ़ गई है। गर्मी में बिजली कटौती मुसीबत का सबब बन गई है। जिले में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
- पत्थर क्रेशरों पर मेहरबान बिज़ली रानी
सूत्रों की मानें तो बिजली विभाग मेंटेनस के नाम पर बिजली को शहर मे काट कर अवैध खनन क्षेत्रो मे पानी की तरह बिज़ली आपूर्ति करती है। जहाँ पर प्रतिमाह के हिसाब से बिजली विभाग के अधिकारीगण को मोटी रकम प्राप्त होती है। जिसके कारण ही पाकुड़ शहर की बिजली जब तब गायब होती है। बताया जा रहा है कि यही कारण है कि अवैध रूप से बिजली का प्रयोग कर रहे लोगों पर विभाग कार्रवाई से बच रहा है, जिससे चर्चा का बाज़ार गर्म है।
- सिर्फ बिल भेजना जानता है बिज़ली विभाग
बिजली कटौती से जिले के उपभोक्ता परेशान हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि साल भर में बिजली की दुर्दशा बढ़ी है। हर महीने बिज़ली विभाग बिल तो भेज देता है लेकिन बिजली देने की बात आती है तो बहाने बनाने की शुरुआत हो जाती है और अगर बकाया ₹ 5000 से अधिक हो तो पूरे लाव लश्कर के साथ ऐसे पहुँचते है बिज़ली कर्मी की मानो आतंकवादी को पकड़ने जा रहे है।
- मंत्री के फटकार के बाद भी वही हाल
विगत दिनों आलमगीर आलम पाकुड़ सीट से इंडियन नेशनल कांग्रेस के विधायक व ग्रामीण विकास सह संसदीय कार्य मंत्री के फटकार के बावजूद भी बिजली की दुर्दशा सुधरती नहीं दिख रही। मंत्री महोदय ने बकायदा बिज़ली समस्या निराकरण हेतु टीम भी बनाई पर नतीज़ा वही ढाक के तीन पात।

- क्या हो समाधान
अगर बिज़ली विभाग के द्वारा पूर्व सूचना या रोस्टर व्यवस्था लागू की जाए तो शायद आम जनता में विभाग के खिलाफ उबाल थोड़ा कम हो। कम से कम जनता को पता तो होगा कि ‘बिज़ली रानी’ कब आएगी?
