जानें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद क्या बोले सिद्धू
- आलाकमान के 18 सूत्रीय एजेंडा करेंगे लागू
चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू नेपार्टी की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर शीर्षनेतृत्व का आभार जताते हुए सोमवार को कहा कि मेरा सफर अभी शुरू हुआ है। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच कई महीनों की कड़वाहट और गुटबाजी के दौर के बाद एक दिन पहले ही सिद्धू को कांग्रेस की पंजाब इकाई की कमान सौंपी गई है।
नई जिम्मेदारी मिलने के बाद सोमवार को दिनभर नेताओं और मंत्रियोंसे मुलाकात में व्यस्त रहे सिद्धू ने कहा कि वह जीतेगा पंजाब मिशन को साकार करने और राज्य में पार्टी संगठन की मजबूती के लिए कांग्रेस परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ मिलकर काम करेंगे। सिद्धू ने ट्वीट किया, आज से हम सभी को एक ही सपने के लिए आगे बढ़कर काम करना और पंजाब में कांग्रेस के अजेय किले को मजबूत करना है। मैं माननीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का विशेष रूप से आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी।
सिद्धू सोमवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह, रजिया सुल्ताना तथा सुखजिंदर सिंह रंधावा सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिद्धू को रविवार रात पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) का प्रमुख नियुक्त किया। सिद्धू ने सुनील जाखड़ की जगह ली है। अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सिद्धू ने कहा कि वह “जीतेगा पंजाब“ मिशन को पूरा करने के लिए कांग्रेस परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ मिलकर काम करेंगे।
पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, जीतेगा पंजाब के मिशन को पूरा करने के लिए मैं पंजाब में कांग्रेस परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ मिलकर काम करूंगा। हमारा उद्देश्य कांग्रेस आलाकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे और पंजाब मॉडल के जरिए लोगों की शक्ति को उन्हें वापस लौटाना है। मेरा सफर अभी शुरू हुआ है। सिद्धू ने टि्वटर पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ अपने पिता की एक तस्वीर भी साझा की। तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा, केवल कुछ लोगों के बीच नहीं बल्कि सभी के साथ समृद्धि, विशेषाधिकार और स्वतंत्रता साझा करने के लिए मेरे पिता जोकि कांग्रेस के एक कार्यकर्ता थे, उन्होंने एक शाही जिंदगी छोड़कर देश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। उन्हें उनके देशभक्ति कार्यों के लिए मौत की सजा दी गई थी, किंग्स एमनेस्टी से राहत मिली और वह डीसीसी अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी और महाधिवक्ता बने।
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अमरिंदर सिंह को स्पष्ट तौर पर यह संदेश दिया है कि वह पूरी तरह से सिद्धू के समर्थन में है। सूत्रों के मुताबिक सिंह ने सोनिया गांधी से कहा था कि वह तब तक सिद्धू से मुलाकात नहीं करेंगे जब तक कि वह हाल में लगाए गए आरोपों को लेकर सार्वजनिक तौर पर उनसे माफी नहीं मांग लेते। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नयी ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। सिद्धू के सामने अब पंजाब में पार्टी को एकजुट करने के अलावा पुराने और दिग्गज नेताओं का विश्वास जीतने एवं कार्यकर्ताओं में एकजुटता लाने की चुनौती है।
सिद्धू को कांग्रेस की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की ओर से अब तक कोई टिप्पणी नहीं की गयी है। मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर कुछ मंत्रियों और विधायकों समेत पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। इस बीच, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने सिंह द्वारा बुधवार को कांग्रेस विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया।