मौत का सौदागर बना सदर अस्पताल पाकुड़
- डॉक्टर की लापरवाही से हुई दो नवजात बच्चों की मौत : परिजन
झारखण्ड/पाकुड़ (एहसान आलम, संवाददाता) : पाकुड़ सदर अस्पताल ऐसे तो रेफर अस्पताल के नाम से ज्यादा प्रचलित है। आबादी के हिसाब से रेफर अस्पताल में डॉक्टर भी बहुत कम है। इसके जितने डॉक्टर हैं उनमें से कुछ डॉक्टर खुद के प्राइवेट क्लीनिक और प्रैक्टिस में बिजी रहते हैं।
वहीं ज़िलेवासी अगर छोटे बीमारी को भी लेकर जाते हैं तो बेहतर ईलाज के लिए बंगाल रेफर कर दिया जाता है। इसी क्रम में आज शुक्रवार को प्रशव के दौरान अस्पताल में दो नवजात की मौत के मामले में परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सक पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया।
पहले मामले में परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय पर चिकित्सक इलाज करते तो बच्ची की मौत नहीं होती। पाकुड़ शहर के ग्वालपाड़ा के विषणु यादव की पत्नी पिंकी को रात के दो बजे सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात में इलाज नहीं हुआ और दोपहर को जब प्रशव हुआ तो मृत बच्ची ने जन्म लिया।
वहीं दूसरी मामले में मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के नाइम शेख की पत्नी आलियारा खातुन को सुबह भर्ती कराया गया था। लेकिन समय पर चिकित्सक नहीं पहुंचने पर प्रशाव नहीं हुआ। दोपहर बाद जब प्रशव हुआ तो उन्हें भी मृत बच्चा हुआ। जिससे परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगा। नईम शेख ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल के चिकित्सकों को कई बार प्रशाव की बात कही गई। उसके बावजूद चिकित्सक़ नहीं पहुंचे जिससे बच्ची मरा हुआ पैदा हुआ।
वहीं अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि चिकित्सक के द्वारा किसी भी तरह का कोई लापरवाही नहीं किया गया है। बच्चा मां के पेट में ही मर गया था। प्रशव के दौरान दोनों केस में कोई लापरवाही नहीं हुई है। इसमें चिकित्सकों की कोई गलती नहीं है।