स्थानांतरण प्रमाण-पत्र के बगैर निजी विद्यालय के छात्र-छात्राओं का सरकारी या गैर सरकारी विद्यालयों में न हो नामांकन

द न्यूज़20210629_201706

 

झारखण्ड/पाकुड़ : ज्ञात हो कि कोरोना वायरस महामारी कोविड 19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में गत 22 मार्च 2020 से देश-प्रदेश एवं जिले के समस्त विद्यालय बंद हैं। निजी विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिका एवं शिक्षिकेत्तर कर्मचारी भूखमरी के कगार पर हैं। ऑनलाइन कक्षाएँ चलाने के बावजूद शिक्षण शुल्क नहीं आ रहा है। ऑनलाइन शिक्षण में 15 से 25 % ही बच्चे जुड़ते हैं, शेष नहीं जुड़ पाते हैं।

 

केन्द्र एवं राज्य सरकार से कई बार अनुरोध किया गया कि वे निजी विद्यालय कर्मी को आर्थिक पैकेज दें लेकिन निराशा ही हाथ लगी। उक्त परिस्थिति में निजी विद्यालय के छात्र-छात्राओं के अभिभावक अपने पाल्यों का सरकारी विद्यालयों में नामांकन करा रहे हैं। जबकि उनके पास निजी विद्यालय का काफी शिक्षण शुल्क बकाया है। शिक्षण शुल्क नहीं जमा कर रहें। स्थानांतरण प्रमाण-पत्र के बगैर सरलता के साथ सरकारी विद्यालय में नामांकन करा रहे हैं, जिससे निजी विद्यालय को काफी क्षति हो रही है।

 

  • एसोसिएशन ने किया पहल

झारखण्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, राँची के महासचिव रामरंजन कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक, पाकुड़ को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि स्थानांतरण प्रमाण-पत्र के बगैर निजी विद्यालय के छात्र-छात्राओं का सरकारी या गैर सरकारी विद्यालयों में नामांकन न हो।

 

पत्र में अनुरोध किया गया है कि जिले के किसी भी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में बिना स्थानांतरण प्रमाण-पत्र के नामांकन न हो। इस हेतु अतिशीघ्र आदेश-निर्दश देने की कृपा करें। ताकि निजी विद्यालय को क्षति न हो।

 

उक्त पत्र उपायुक्त, पाकुड़, क्षेत्रीय शिक्षा उप-निदेशक, संथालपरगना प्रमंडल, दुमका, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक, राँची, माननीय शिक्षा मंत्री, राँची को भी मेल द्वारा प्रेषित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *