सांसद निशिकांत राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें डॉक्टर के सलाह की जरूरत : समद अली
झारखण्ड/पाकुड़ : जहां देश एवं राज्य कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लोग जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में भी बीजेपी के नेता राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस विषम परिस्थिति में आदिवासी समाज को लेकर सांसद निशिकांत दुबे का बयान शर्मनाक है। उक्त बातें झामुमो जिला सचिव समद अली ने कही।
उल्लेखनीय है कि पाकुड़ सर्किट हाउस में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने बांग्लादेशी घुसपैठी और आदिवासी समाज को जोड़कर बयान दिया था। झामुमो ने श्री दुबे के बयान को राजनीति से परे गैर जिम्मेदाराना बताया है। जिला सचिव समद अली ने कहा है कि गोड्डा सांसद का यह बयान पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। आदिवासी समाज पर सीधे तौर पर हमला किया गया है। इस तरह का बेतुका बयान की उम्मीद सांसद से नहीं थी।
लेकिन बीजेपी की मानसिकता आख़िर सामने आ ही गई। किसी खास समाज के लड़के लड़कियों के प्रति सांसद अपनी नजरिया समझा गए। इस तरह का बयान उनके गलत मानसिकता और सोच का नतीजा है। झारखण्ड में बीजेपी को सत्ता से दूर होना हजम नहीं हो रहा है। राज्य में झामुमो, कांग्रेस, राजद एवं अन्य दलों की गठबंधन की सरकार चल रही है। झारखंड सरकार के काफी कम समय में कोविड-19 महामारी के दौरान उनके उपलब्धि और आम जनता के हित में किए गए कार्य से बीजेपी घबराई हुई है। इसलिए अनाप-शनाप बयान बाजी कर रहे हैं।
गोड्डा सांसद के इस बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें शीघ्र ही डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए।
जिला सचिव ने यह भी कहा कि किसी भी समाज पर इस तरह का बयान बाजी और आरोप लगाने से पहले उन्हें इसका प्रमाण देना चाहिए। साथ ही कहा कि भाजपा पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें। कई राष्ट्रीय स्तर से लेकर चर्चित भाजपा नेता अपने वैवाहिक जीवन को लेकर चर्चा में रहे हैं।
सांसद अपने बयान को यथाशीघ्र वापस लें। आदिवासी समाज से माफी मांगे। उन्होंने (बांग्लादेशी घुसपैठिए) आदिवासी संस्कृति के उपर हमला किया है। यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
: द न्यूज़ के लिए राजकुमार भगत की रिपोर्ट।
समद अली साहब सठिया गए हैं।