• ममता को 6 पन्नों में जवाब
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़े शब्दों में लिखे एक प्रत्युत्तर में नंदीग्राम में एक मतदान केंद्र पर बाहरी लोगों की उपस्थिति के बारे में उनके दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया और उसे खारिज कर दिया।
चुनाव आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने शनिवार को बनर्जी को लिखे पत्र में यह भी कहा, ‘‘इस बात की अलग से जांच की जा रही है कि एक अप्रैल की घटनाओं में जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 131 और 123 (2) और/या आदर्श आचार संहिता के तहत क्या कोई कार्रवाई बनती है।’’ धारा 131 मतदान केंद्रों पर या उसके आस-पास नियम विरुद्ध आचरण के लिए दंड से संबंधित है, जबकि धारा 123 (2) ‘‘अनुचित प्रभाव’’ से संबंधित है यानी मुक्त चुनाव अधिकार में उम्मीदवार या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप का प्रयास। पत्र में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि इसमें किसके खिलाफ संभावित कार्रवाई के संबंध में उल्लेख किया जा रहा है।
एक अप्रैल को नंदीग्राम में मतदान प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए बनर्जी द्वारा की गई एक शिकायत के जवाब में चुनाव आयोग ने शनिवार को बनर्जी को पत्र भेजा। चुनाव आयोग ने अपने बिंदुवार प्रत्युत्तर में कहा कि बोयल में एक मतदान केंद्र पर बाहरी लोगों की उपस्थिति और मतदान केंद्र पर कब्जा करने के बारे में बनर्जी के पत्र से पहले ‘‘पूरे देश में व्यापक कवरेज सामने आया था… जिसमें दर्जनों ऑडियो-विज़ुअल शॉट दिखाए गए थे जिनमें इस मतदान केंद्र में आपकी मौजूदगी के साथ ही पश्चिम बंगाल की सरकार के साथ काम करने वाले कुछ अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और अंततः चुनाव आयोग पर वस्तुत: आरोपों की बौछार करते दिखाया गया था।’
चुनाव आयोग ने अपने पर्यवेक्षकों सहित जमीनी स्तर से प्राप्त रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह उन सभी रिपोर्टों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आपके द्वारा हाथ से लिखे गए पत्र में लगाए गए आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत हैं, बिना किसी साक्ष्य के हैं।’’ आयोग ने कहा कि यह बहुत ही खेद की बात है कि ‘‘सबसे बड़े हितधारकों यानि मतदाताओं को गुमराह करने के लिए एक उम्मीदवार द्वारा, जो राज्य की मुख्यमंत्री हैं’’ हरेक घंटे ‘‘मीडिया विमर्श’’ बुनने का प्रयास किया गया।
नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही बनर्जी ने एक अप्रैल को मतदान के दौरान बोयल में एक मतदान केंद्र का दौरा किया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफ़ताब के अनुसार, व्हीलचेयर पर आयीं बनर्जी बूथ में लगभग दो घंटे तक फंसी रही थीं क्योंकि दो समूह एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगा रहे थे। बड़ी संख्या में सीएपीएफ के जवान और वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लाने के बाद मुख्यमंत्री को बाहर निकाला।
बाद में, बनर्जी ने परेशानी उत्पन्न करने के लिए बाहरी लोगों को दोषी ठहराया। उन्होंने नंदीग्राम में मतदान प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने का चुनाव आयोग पर आरोप भी लगाया।
आकाश भगत

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