राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले कोठारी बंधुओं की कहानी जानें

0

बंगाल में विधानसभा चुनाव है और राजनेताओें की चुनावी रैली भी लगातार जारी है। इस दौरान बंगाल की धरती से योगी आदित्यनाथ ने कोठारी बंधुओं को याद किया। नंदीग्राम की रैली में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोठारी बंधुओं ने अयोध्या में राम मंदिर अभियान के लिए बलिदान दिया। उनके बलिदान का स्मारक आज भी अयोध्या में है।

 

 

 

इसके साथ ही सीएम योगी के निशाने पर ममता बनर्जी भी रही। उन्होंने ममता दीदी को लेकर कहा कि दीदी को आईआईटी और आईआईएम की इमारतें बनवाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी बस चिंता है कि कैसे जय श्री राम बैन किया जाए। सीएम योगी ने नंदीग्राम में कोठारी बंधुओं का जिक्र किया जिन्होंने बाबरी पर फहराया था भगवा।

 

 

अरसे से चले आ रहे राम जन्मभूमि विवाद में बड़ा आंदोलन 1990 में हुआ था। अन्य कारसेवकों की तरह ही कोलकाता के रहने वाले कोठारी बंधुओं ने भी विश्व हिन्दु परिषद की कार सेवा में शामिल होने का निर्णय लिया। 20 अक्टूबर 1990 को दोनों भाईयों ने अपने पिता को अयोध्या जाने के इरादे के बारे में अवगत कराया। 22 अक्टूबर को कोलकाता से ट्रेन के जरिये रवानगी भड़ी। 25 अक्टूबर से कोई 200 किलोमीटर पैदल चल वे 30 अक्टूबर की सुबह अयोध्या पहुंचे। ये तारीख अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के संघर्ष का महत्वपूर्ण दिन है।

 

 

 

 

तीस अक्टूबर 1990 का वो दिन जब कोठारी बंधुओं ने विवादित परिसर में बने बाबरी मस्जिद पर भगवा ध्वज लहराया था। इसके बाद पुलिस फायरिंग में दोनों की मौत हो गई थी। अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन में कोलकाता के कोठारी बंधुओं के योगदान की अक्सर चर्चा की जाती है। इन दोनों भाइयों ने पहली बार विवादित ढाचें पर भगवा झंडा फहराकर कार सेवकों के बीच सनसनी फैला दी थी। पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए दोनों भाई बाबरी मस्जिद की गुबंद पर चढ़ गए थे और भगवा ध्वज लहराकर आराम से नीचे उतर गए थे।

 

 

 

कोलकाता के कोठारी बंधुओं के बाबरी पर भगवा लहराने की घटना बेहद ही चर्चित है। भगवा पताका लहराकर नीचे उतरने के बाद दोनों भाइयों शरद और राजकुमार को सीआरपीएफ के जवानों ने लाठियों से पीटकर खदेड़ दिया।

 

 

किताब ‘अयोध्या के चश्मदीद’ के अनुसार 30 अक्टूबर को गुंबद पर पताका लहराने के बाद शरद और रामकुमार 2 नवंबर को विनय कटियार के के नेतृत्व में दिगंबर अखाड़े की तरफ से हनुमानगढ़ी की तरफ जा रहे थे। जब पुलिस ने फायरिंग शुरू की तो दोनों भाई एक घर में जा छिपे। लेकिन थोड़ी देर बाद दोनों बाहर निकले तो पुलिस की फायरिंग का शिकार हो गए। दोनों ने ही मौके पर दम तोड़ दिया। उनकी अंत्योष्टि में सरयू किनारे लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। दोनों भाइयों के लिए अमर रहे के नारे गूंज रहे थे।

आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed