एचएमसीएच अस्पताल में मरीजों के बीमारी पर पैसों का खेला जा रहा है खेल

0
  • एचएमसीएच का लेबर रूम बना दलालों का अड्डा
  • श्री निवास अस्पताल के पर्ची पर यहां कार्यरत नर्सिंग स्टाफ मरीजों को करती हैं भर्ती/रेफर
  • राज खुला तो एचएमसीएस के सुपरिटेंडेंट ने कहा कि गलती से हुआ है

 

झारखण्ड/हज़ारीबाग : एचएमसीएच अस्पताल का लेबर रूम सबसे संवेदनशील जगह होता है। जहां जच्चे-बच्चे को नई जिंदगी मिलती है। लेकिन लेबर रूम का भ्रष्टाचार से गहरा रिश्ता भी रहा है जो समय-समय पर उजागर होता रहा है।

सदर अस्पताल की व्यवस्था से लेकर वर्तमान एचएमसीएच की व्यवस्था तक प्रबंधन इसे सुधार कर पाने में नाकामयाब ही हो रहा है। बीती रात्रि यहां भर्ती होने के लिए पहुंची एक मरीज को एचएमसीएच की पर्ची के बजाय यहां कार्यरत कमांडो आउटसोर्सिंग की नर्सिंग स्टाफ एक निजी हॉस्पिटल के नाम से अंकित पर्ची में भर्ती कर रही था।

श्री निवास अस्पताल के पर्ची ने खुद ब खुद एक बार फिर यह पोल खोल कर रख दी कि यहां से दलाली का गहरा रिश्ता है। अब इस भ्रष्टाचार के आखंड में कौन-कौन शामिल है यह जांच का विषय है। यहां की नर्सिंग स्टाफ श्री निवास के जिस प्रकार की पर्ची का उपयोग कर रही थी वह एचएमसीएच लेबर रूम की पर्ची से मेल खा रही थी।

श्री निवास के पर्ची का मेडिकल कॉलेज अस्पताल की लेबर रूम में उपयोग किया जाना प्रबंधन पर कई सवाल खड़े करते हैं। लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अच्छी सेवा प्राप्त हो इसके लिए पूर्व सरकार के द्वारा एचएमसीएच अस्पताल का निर्माण किया गया था। बड़े भवन का निर्माण तो किया गया मगर यहां की विधि व्यवस्था सदर अस्पताल की व्यवस्था से भी गंदी व्यवस्था है।

आज के समय में एचएमसीएच अस्पताल एक निजी अस्पताल के भरोसे चल रहा है। सूचना के आधार पर यह जानकारी प्राप्त हुई है की एचएमसीएच अस्पताल में कार्यरत डॉ. अपनी सेवा श्री निवास अस्पताल में दे रहे हैं। इससे साफ झलक रहा है कि सरकार को अंधेरे में रख कर सरकारी डॉक्टर मरीजों के साथ सरकार के खजाने को लूटने का काम भी कर रहे है।

बिना किसी एचएमसीएच अस्पताल डॉक्टर के अनुमति के बिना कोई भी कार्य नहीं हो सकता है। अब तो यह जांच का विषय है की किसके अनुमति से श्रीनिवास अस्पताल की पर्ची एचएमसीएच अस्पताल में उपयोग करने का आदेश दिया है?

श्रीनिवास अस्पताल को अच्छा बिजनेस देने के लिए एचएमसीएच के डॉक्टर अस्पताल में भर्ती मरीज को रेफर कर रहे हैं। क्या मरीजों के बदले श्रीनिवास अस्पताल सरकारी डॉक्टरों की पॉकेट को गर्म करने का कार्य कर रही है?

सवाल तो अब यह भी उठ रहा है कि जब श्रीनिवास अस्पताल को ही उभारना है तो एचएमसीएच अस्पताल का निर्माण क्यों किया गया ? जब भी कोई भी मरीज अपने इलाज के लिए अस्पताल जाता है तो सरकार ने मरीजों के लिये जैसी सुविधा मुहीम करवाई है वैसी सुविधा उन्हें क्यों नहीं मिलती है?

 

ऐसे में मजबूरन श्रीनिवास अस्पताल जाकर अपना इलाज करवाना पड़ता है। इस कदर मरीज को मजबूर कर दिया जाता है कि वह अपना रुख स्वयं निजी अस्पताल की ओर मोड़ ले जिससे सरकारी डॉक्टरों का भी पेट भर जाए और श्रीनिवास अस्पताल की भी चांदी हो जाए।

 

इस विषय पर एचएमसीएस के सुपरिटेंडेंट ने बताया कि श्रीनिवास अस्पताल का पर्ची अस्पताल में उपयोग किया गया है वह सिर्फ भूल-चूक से हुआ है। अस्पताल की ऐसी कोई मंशा नहीं है और ना होगी।

 

उपरोक्त विषय पर सिस्टर को शोकॉज भेज दिया गया है। जवाब आने के बाद ही हम कुछ बता पाएंगे। जांच के लिए टीम को इसकी जानकरी दे दी गई है।

: द न्यूज़ के लिए सचिन खंडेलवाल की स्पेशल रिपोर्ट।

आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed