Geeta Jayanti 2025: गीता जयंती पर श्रीकृष्ण की करें विशेष पूजा, जानिए अचूक मंत्र और महत्व
आज यानी की 01 दिसंबर को गीता जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। गीता जयंती के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, उस दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि थी। तभी से हर साल इस दिन गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं इस दिन गीता का पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं गीता जयंती की तिथि, मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र आदि के बारे में…
तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक एकादशी तिथि की शुरू्रत 30 नवंबर की रात 09:30 मिनट पर होगी। वहीं आज यानी की 01 दिसंबर की शाम 07:02 मिनट पर एकादशी तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के मुताबिक गीता जयंती का पर्व 01 दिसंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूरे विधिविधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि करने के बाद पूजास्थल को साफ करें और फिर एक चौकी पर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को स्थापित करें। अब भगवान श्रीकृष्ण के सामने घी का दीपक जलाएं और फिर श्रीकृष्ण पीले फूल, फल, तुलसी दल और पीले रंग की मिठाई आदि का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद भगवत गीता का पाठ करें और अगर आप सभी अध्याय नहीं पढ़ रहे हैं, तो 12वें और 15वें अध्याय का पाठ जरूर करें। फिर श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें और आरती करें। वहीं पूजा के अंत में पूजा में हुई भूलचूक के लिए माफी मांगे।
मंत्र
“कृष्णाया वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः” और “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे”।
कृं कृष्णाय नमः
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात:
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः’।
