Gopashtami 2025: सुख-सौभाग्य की कामना के लिए किया जाता है गोपाष्टमी व्रत

आज गोपाष्टमी व्रत है, सनातन परंपरा में गोमाता की सेवा और पूजा को अत्यंत ही शुभ और पुण्यदायी बताया गया है। यह पर्व भगवान कृष्ण और गौमाता को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार लीलाधारी भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा की जाती है। पूजा के समय गौमाता और गाय के बछड़ों को सजाया जाता है तो आइए हम आपको गोपाष्टमी व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 

जानें गोपाष्टमी व्रत के बारे में 

हिन्दू धर्म में कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के नाम से जाना जाता है, यह दिन गोपूजा और गोसेवा के लिए अत्यंत ही शुभ और पुण्यदायी माना गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जिस गोमाता के शरीर में 33 कोटि देवी-देवता का वास होता है, उसकी पूजा गोपाष्टमी पर्व के दिन करने पर इंसान के सारे कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती हैं। सनातन शास्त्रों में निहित है कि स्वर्ग नरेश इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इस मुद्रा में भगवान कृष्ण सात दिनों तक रह गए थे। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर स्वर्ग नरेश ने हार स्वीकार कर ली थी। 

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जानें गोपाष्टमी 2025 का शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का 29 अक्टूबर 2025, बुधवार को प्रात:काल 09 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर, गुरुवार के दिन प्रात:काल 10 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी. इस तरह उदया तिथि को आधार मानते हुए इस साल गोपाष्टमी का पावन पर्व 30 अक्टूबर 2025, गुरुवार के दिन ही मनाना उचित रहेगा. गोपाष्टमी के दिन सूर्योदय के बाद 10:06 बजे तक गोपाष्टमी की पूजा करना उत्तम रहेगा।

गोपाष्टमी पर ऐसे करें गोमाता की पूजा 

हिंदू मान्यता के अनुसार गोपाष्टमी के दिन गाय और उसके बछड़े की पूजा करना अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है। ऐसे में गोसेवा करने के लिए व्यक्ति को इस दिन स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले गोमाता को प्रणाम करके आशीर्वाद लेना चाहिए। इसके बाद गोमाता और गोवंश को स्नान कराकर उनकी सफाई करनी चाहिए। इसके बाद गोमाता के शरीर को सुखाकर उनके सींग पर काले रंग का रंग लगाना चाहिए। इसके बाद गोमाता हल्दी, चंदन, रोली आदि से तिलक करें तथा उन्हें फल-फूल, धूप-दीप आदि अर्पित करके उनकी ‘ॐ नमो देव्यै महादेव्यै सुरभ्यै च नमो नमः’ मंत्र आदि से पूजा करें। गोपूजा करने के बाद उनकी आरती करना बिल्कुल न भूलें। 

गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व भी है खास 

गोपाष्टमी के पावन पर्व को गोसेवा के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है। यही कारण है कि मथुरा, वृन्दावन समेत पूरे ब्रजमंडल में इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से गोसेवा और गोपूजा करते हैं। गोपाष्टमी की पूजा से जुड़ी मान्यता है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान दूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठिका अंगुली पर उठा लिया था तो इसी दिन इंद्रदेव ने अपनी गलती की माफी मांगते हुए अपने पराजय स्वीकार किया था।

गोपाष्टमी का शुभ योग 

हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर रवि और शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान कृष्ण और गौमाता की पूजा करने से घर की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी। गोपाष्टमी पर्व 2025 में 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। 

जानें गोपाष्टमी से जुड़ी पौराणिक कथा

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था तो सात दिनों तक निरन्तर वर्षा करने के बाद इन्द्र देव ने गोपाष्टमी के दिन ही अपनी पराजय स्वीकार की थी। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने गौ चारण लीला गोपाष्टमी के दिन ही शुरू की थी इसलिए इस त्योहार पर गायों और उनके बछड़ों की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इस दिन इनकी पूजा करने से प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते हैं, सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में उन्नति होती है। इस दिन गाय माता को स्नान कराकर उनका श्रृंगार करना चाहिए और उचित प्रकार से उनकी पूजा करके आशीर्वाद लेना चाहिए।

गोपाष्टमी के दिन करें ये उपाय 

गोपाष्टमी के दिन विभिन्न शुभ फलों की प्राप्ति के लिये, अपने प्रगति के मार्ग प्रशस्त करने के लिये, अपने सौभाग्य में वृद्धि के लिये और जीवन में चल रही समस्याओं के समाधान के लिये ये विशेष उपाय करें। अगर आप अपने धन में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो इस दिन 1 साबुत हल्दी और 5 सफेद कौड़ियां लेकर गाय के माथे से छुआकर अपने घर में रख लें। इस दिन ऐसा करने से आपके धन में बढ़ोतरी होगी और साथ ही आपकी तरक्की भी होगी।
अगर आप अपने परिवार से जुड़ी किसी समस्या का हल जल्द से जल्द निकालना चाहते हैं, तो इस दिन गाय माता को रोली का तिलक लगाएं और रोटी पर थोड़ी-सी खीर रखकर खिलाएं। फिर घर आकर दुर्गा  जी के इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है-सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।। इस दिन ये उपाय करने से आपकी पारिवारिक समस्या का हल जल्द से  जल्द निकल जायेगा और आपके परिवार में खुशहाली आयेगी। अगर आप अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आज के दिन आप स्नान आदि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर गाय माता की पूजा करें। 
सबसे पहले उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं और धूप-दीप से गऊ माता की आरती करें । इसके बाद हाथ जोड़कर गऊ माता को प्रणाम करें। इस दिन ऐसा करने से आपका जीवन स्तर बेहतर बनेगा।
अगर आप अपना स्वास्थ्य बेहतर बनाये रखना चाहते हैं, तो इस दिन आपको स्नान आदि के बाद गौ माता को पुष्पों की माला अर्पित करनी चाहिए और उन्हें उबले हुए चावल में थोड़ा-सा मीठा मिलाकर खिलाना  चाहिए। साथ ही दोनों हाथ जोड़कर गऊ माता का आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा।
– प्रज्ञा पाण्डेय