आगामी 15 नवम्बर तक ज़िले में मेधा के 10 मिल्क बूथ का संचालन होगा प्रारंभ
- जिलेवासियों को मानक गुणवत्ता के दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे
झारखण्ड/पाकुड़ : ज़िले के उपायुक्त की अध्यक्षता में मेधा मिल्क बूथ अधिष्ठापन कार्यों को लेकर जिला गव्य विकास पदाधिकारी तथा भवन विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं मेधा के पदाधिकारी के साथ बैठक आयोजित की गई।
बैठक में उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा संचालित प्रोजेक्ट एस.आई.पी के तहत जिले में 10 स्थानों पर मेधा के बूथ स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इनमें से 5 बूथों का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। शेष 5 बूथों पर भी कार्य आरंभ कर दिया गया है। उपायुक्त ने कहा कि जहाँ भूमि से संबंधित समस्याएँ थीं, उन्हें चिन्हित कर समाधान कर लिया गया है। अगले 15 दिनों में 5 बूथ तैयार कर लिए जाएंगे और आगामी 15 नवम्बर तक सभी 10 बूथ संचालित कर दिए जाएंगे। नगर क्षेत्र में इन बूथों का राजस्व संग्रह नगर परिषद द्वारा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अंचल अधिकारी (सीओ) के माध्यम से किया जाएगा। मेधा को सभी फ्रीजर, ब्रांडिंग सामग्री एवं अन्य आवश्यक उपकरण जल्द उपलब्ध कराने तथा बूथों के गुणवत्तापूर्ण संचालन हेतु आवश्यक तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए गए।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त के द्वारा, आधारभूत संरचना निर्माण कार्य हेतु कार्यकारी एजेंसी भवन प्रमंडल पाकुड़ को सभी निर्माण कार्य को उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ अभिलंब पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।
ज्ञात हो कि वर्तमान में जिले एक भी मिल्क पार्लर बूथ संचालित नहीं है, जिसके कारण विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
वहीं उपायुक्त ने कहा कि पाकुड़ को “मिल्क हब” के रूप में विकसित किया जा सकता है और यह पहल उसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही बैठक में यह भी चर्चा की गई कि पशु सखी अथवा लाभुकों के चयन के समय उन्हें क्लस्टर के रूप में एक ही गाँव में समूहित किया जाए, ताकि अधिक उत्पादन और उसका संचय सुगमता से किया जा सके।
