राजस्व से संबंधित समीक्षा बैठक में उपायुक्त ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

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  • सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखने एवं अतिक्रमण के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई का दिया गया निर्देश

झारखण्ड/पाकुड़ : ज़िले के समाहरणालय सभागार में उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित किया गया। बैठक में म्यूटेशन, भूमि सीमांकन, सर्टिफिकेट केस, ऑनलाइन लगान, आरसीएमएस परिशोधन, भूमि विवाद एवं अन्य अहम बिंदुओं की गहन समीक्षा की गई।

 

 

वहीं उपायुक्त द्वारा सभी अंचल अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्येक म्यूटेशन आवेदन का निष्पादन 30 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी आवेदन को 30 दिनों से अधिक समय लग रहा है अथवा अस्वीकृत किया जा रहा है, तो कारणों का स्पष्ट एवं उचित उल्लेख करें जिससे पारदर्शिता बनी रहे और आवेदक को संतोषजनक जवाब मिल सके। भूमि स्वामित्व से संबंधित परिशोधन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त आवेदनों का ससमय निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने निर्देशित किया कि आवेदकों को सही दस्तावेजीकरण हेतु मार्गदर्शन किया जाए, स्पष्ट चेकलिस्ट साझा की जाए, ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े।

 

 

बैठक में राजस्व वाद प्रबंधन प्रणाली, भूमि सीमांकन, ऑनलाइन लगान, विभिन्न विभागों द्वारा भूमि अधियाचना से संबंधित प्राप्त आवेदन, भूमि विवाद समाधान दिवस में प्राप्त आवेदनों की भी समीक्षा की गई। राजस्व वाद प्रबंधन प्रणाली (RCMS) की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि लंबित वादों की नियमित रूप से निगरानी की जाए और संबंधित पदाधिकारियों द्वारा पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए। साथ ही, भूमि सीमांकन कार्य की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिया कि चिन्हित लंबित सीमांकन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित किया जाए ताकि भूमि विवादों का निपटारा हो। ऑनलाइन लगान भुगतान की प्रगति पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक भू-स्वामियों को डिजिटल भुगतान हेतु प्रोत्साहित करें और ऑनलाइन लगान प्रणाली को जनहितकारी एवं पारदर्शी रूप में लागू किया जाए। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों द्वारा भूमि अधियाचना (Requisition of Land) से संबंधित जो आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनकी समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी प्रस्तावों की विधिसम्मत जांच कर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि विकास योजनाओं के लिए आवश्यक भूमि समय पर उपलब्ध कराई जा सके। उपायुक्त ने सभी अंचलाधिकारी को 23 अगस्त, 25 अगस्त एवं 26 अगस्त को सभी अंचलों में राजस्व शिविर लगाने का निर्देश दिया गया।

 

 

 

इसके अलावा बैठक में उत्पाद, निबंधन, परिवहन, नगर परिषद, खनन, सहकारिता, मत्स्य, विद्युत विभाग समेत विभिन्न इकाइयों द्वारा राजस्व संग्रह की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की गई।उपायुक्त ने कहा कि राजस्व संग्रह राज्य की आर्थिक मजबूती का आधार है, अतः इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने सभी विभागों को निर्धारित लक्ष्यों के विरुद्ध शत-प्रतिशत राजस्व संग्रह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

 

 

बैठक में अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी, जिला परिवहन पदाधिकारी मिथलेश कुमार चौधरी, सभी सीओ व अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।