#Nipah Virus की पुष्टि, लॉकडाउन जैसे हालात, अलर्ट जारी

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केरल में शुक्रवार को निपाह वायरस का एक नया मामला सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई और राज्य के तीन जिलों में त्वरित कार्रवाई शुरू की गई। बयान में कहा गया है कि प्रदेश के पलक्कड़ जिले के थाचनट्टुकारा की रहने वाली 38 साल की महिला में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

 

इसके बाद जिला प्रशासन ने लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों से बेहद सतर्क रहने का आग्रह किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संक्रमित मरीज फिलहाल मलप्पुरम जिले के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। हालांकि, अधिकारियों ने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।

ऐहतियाती उपाय : संदिग्ध मामले के नमूने पुष्टि के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए। पलक्कड़ में संक्रमण की पुष्टि करने वाले मामले ने राज्य में संभावित प्रकोप की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है, जहां हाल के वर्षों में निपाह के कई मामले सामने आए हैं।

इस बीच, एहतियाती उपाय किए गए हैं। कुल 58 व्यक्तियों की पहचान प्राथमिक संपर्क के रूप में की गई है। संक्रमित व्यक्ति के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले वार्डों को जिलाधिकारी द्वारा निरुद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। ‘निरुद्ध क्षेत्र’ में थाचनट्टुकारा ग्राम पंचायत में वार्ड 7 (कुंदूर कुन्नू), 8 (पलोडे), 9 (परमल) और 11 (चंपारम्बु) को शामिल किया गया है। करिम्पुझा ग्राम पंचायत में वार्ड 17 (अट्टाशेरी) और 18 (चोलाक्कुरिसी) को भी ‘निरुद्ध क्षेत्र’ घोषित किया गया है।

सार्वजनिक समारोहों पर पाबंदी : इन इलाकों में सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। जिला अधिकारी ने कहा है कि सार्वजनिक समारोहों पर सख्त पाबंदी है। दुकानें सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक ही खुली रह सकती हैं, लेकिन मेडिकल स्टोर को अधिक समय तक खुला रखने की छूट दी गई है। ट्यूशन सेंटर, आंगनवाड़ी, मदरसे और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे, हालांकि ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति है। निरुद्ध क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। परिवारों को स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारियों को शादी या अंतिम संस्कार जैसे किसी भी समारोह के बारे में सूचित करना चाहिए।

मास्क पहनने के निर्देश : निरुद्ध क्षेत्र के अंदर निपाह वायरस से संक्रमित होने का लक्षण दिखाने वाले या डायलिसिस, कैंसर उपचार की आवश्यकता वाले या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को आवश्यक उपचार के लिए अस्पताल जाने की अनुमति दी जाएगी। जिलाधिकारी ने जिले भर के लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने, चेहरे पर मास्क पहनने, हाथों की उचित सफाई रखने, अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचने और जब तक आवश्यक न हो अस्पताल जाने से परहेज करने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले दिन में, राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोझीकोड और मलप्पुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नियमित जांच के दौरान दो संदिग्ध मामले सामने आने के बाद कोझीकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में अलर्ट जारी कर दिया था। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपात बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि हमने निपाह प्रोटोकॉल के अनुरूप निवारक उपायों को पहले ही सख्त कर दिया है।

प्रत्येक जिले में 26 टीमें बनाईं : कोझिकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में मरीजों के इतिहास एवं लक्षणों की निगरानी करने और जनता को सूचित करने के लिए प्रत्येक जिले में 26 विशेष टीम बनाई गई हैं। रोकथाम रणनीति के एक हिस्से के रूप में, पलक्कड़ मेडिकल कॉलेज की 6वीं और 8वीं मंजिलों को जिला प्रशासन ने पृथकवास और उपचार सुविधाओं के लिए अपने कब्जे में ले लिया है। निपाह वायरस के प्रसार के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के पे वार्ड के एक हिस्से को भी संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने के लिए आवंटित किया गया है।

मंत्री ने कहा कि रोगियों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करने के लिए पुलिस से मदद मांगी गई है। अधिकारियों ने बताया कि जनता की सहायता के लिए राज्य और स्थानीय हेल्पलाइन स्थापित की जा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अधिकारियों से यह भी आग्रह किया जा रहा है कि वे जांच करें कि क्या हाल के सप्ताह में अप्राकृतिक या बिना वजह से ऐसी मौतें हुई हैं, जो संभावित प्रकोप की चेतावनी के प्रमुख संकेतों में से एक हों।

(भाषा/वेबदुनिया)

 

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